मिरर मीडिया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और बिजनेस टाइकून गौतम अडाणी के खिलाफ भ्रष्टाचार और पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर अमेरिका में वाद दायर कराया है। बता दें कि एक भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर ने अमेरिका के वाशिंगटन में यह वाद 24 मई को दायर किया गया था।
वहीं यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट फॉर दि डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया ने इन नेताओं के साथ-साथ कई अन्य लोगों को समन जारी किया है, जो इस साल की शुरुआत में भारत में उन्हें भेजे गए थे। न्यूयॉर्क के चर्चित भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने इसे व्यर्थ का मुकदमा (डेड ऑन अराइवल लासूट) करार दिया है।
बिना किसी दस्तावेजी सबूत के, आंध्र प्रदेश से आने वाले इस भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी, सीएम रेड्डी और बिजनेसमैन अदाणी, कई अन्य लोगों के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त हैं जिसमें अमेरिका में बड़े पैमाने पर नकदी हस्तांतरण और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल शामिल है। भारतीय मूल के इस अमेरिकी डॉक्टर ने यह वाद 24 मई को दायर किया था, जिसके बाद अदालत ने 22 जुलाई को समन जारी कर दिए थे। भारत में उन्हें ये समन चार अगस्त को और श्वाब को स्विट्जरलैंड में दो अगस्त को समन दिया गया।
डॉक्टर लोकेश वुयुरु ने 19 अगस्त को अदालत के समक्ष समन प्रस्तुत करने के साक्ष्य प्रस्तुत किए. इस मामले के बारे में पूछे जाने पर भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने कहा कि डॉक्टर के पास फिजूल का बहुत वक्त है। उन्होंने कहा कि यह ‘व्यर्थ का मुकदमा है। उन्होंने कहा कि एक अमेरिकी सहयोगी और भारत को बदनाम करने तथा अपमानित करने के लिए 53 पन्नों की उनकी शिकायत हमारी संघीय अदालतों के अनुचित उपयोग करने जैसा है।