मिरर मीडिया : दिव्यांग बच्चों के लिए नियमानुसार तय किये गए सही मानकों के साथ धनबाद में चल रहे दिव्यांग स्कूल के संचालन पर अब कई सवाल खड़े होने लगे हैं। बस्ताकोला स्थित जीवन संस्थान में आए दिन होने वाली घटना ने सभी को विचलित कर दिया है। इसी विषय को गंभीरता से उठाते हुए समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र ने सिविल सर्जन को पत्र लिखकर दिव्यांग स्कूलों में 24×7 मेडिकल कॉलेज के स्टुडेंट की प्रतिनियुक्ति की मांग की है।
उन्होंने लिखा है कि धनबाद में कई दिव्यांग स्कूल संचालित है जबकि बस्ता कोला में विकलांग बच्चों के लिए जीवन संस्था है वहां रहने और शिक्षित करने की डिग्री हासिल करने तक की सुविधा मुहैया है। वहीं समाज कल्याण विभाग उन बच्चों पर NGO की रिपोर्ट करता है या रिपोर्ट लेता है पर वहां शिक्षा के गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरना है और वो सभी दिव्यांग स्कूल प्रबंधन खरा उतर रहा है। पर एक सामान्य बच्चों को वहां रहना है तो कोई बात नहीं है वहां 24×7 मेडिकल हेल्प लेने या लेने वाले तीन या चार बच्चे भी हैं जो गंभीर रूप से बिमारी है या मिर्गी है या अन्य, जिसमें तुरंत उस बच्चे को प्राथमिक उपचार की जरुरत होती है। पर वहां यह सुविधा मुहैया नहीं है तो फिर ऐसे बच्चों को वहां से हटाया भी नहीं जा सकता है क्योंकि उनकी शिक्षा भी अनिवार्य है। या फिर शिक्षा हेतु रखें और बाकी समय में स्वास्थ्य केन्द्र में क्योंकि बराबर उनको मौत के हवाले नहीं किया जाए।
उन्होंने आग्रह किया है कि संबंधित विषय पर जीवन संस्था एवं अन्य दिव्यांग विद्यालय या लालमणि वृद्ध आश्रम में 24×7 एक मेडिकल कॉलेज के 3rd ईयर के स्टुडेंट की प्रतिनियुक्ति की जाए जिससे वो समुचित प्राथमिक उपचार कर दें या फिर एक डाक्टर साहब या फिर एक कंपाउंडर नियुक्त किया जाए।