मिरर मीडिया : 4250 करोड़ रुपए मूल्य रेडियोएक्टिव मेटल कैलिफोर्नियम क़ो CID ने कोलकाता एयरपोर्ट से जब्त किया है। साथ ही दो लोगों क़ो भी गिरफ्तार किया है। सूचना के आधार पर सीआईडी ने कार्रवाई करते हुए इन्हें गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से राख के रंग के पत्थरों के चार टुकड़े मिले, जिनका वजन लगभग 250.5 ग्राम था। वे अंधेरे में पत्थर चमक रहे थे और उन पत्थरों से रोशनी परावर्तित हो रही थी। पत्थरों को देखकर ऐसा लगता है कि यह खनिजों से भरा हुआ था। प्रारंभिक जांच के दौरान यह पता चलता है कि जब्त की गई वस्तुएं कैलिफ़ोर्नियम हो सकती हैं, जो कि इंटरनेट स्रोत के अनुसार एक रेडियो सक्रिय धातु है। कैलीफोर्नियम की कीमत भारतीय मुद्रा के अनुसार 17 करोड़ रुपये प्रति ग्राम है।
जानकारी दें दें कि देश में मुंबई स्थित भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से ही कैलिफोर्नियम मिलता है। रेडियो एक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम सिंथेटिक होता है। इसका रंग चांदी जैसा होता है कैलिफोर्नियम साबुन की तरह होता है,जिसे ब्लेड से काटकर टुकड़ों में कर सकते हैं। कैलिफोर्नियम की दुर्लभता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विश्व में इसका प्रोडक्शन हर साल मात्र आधा ग्राम ही होता है। शायद यही वजह है जो एक ग्राम कैलिफोर्निया की कीमत 17 करोड़ से भी अधिक है। वहीं देश में आम आदमी रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता है। अत्यंत महंगा ये रेडियोएक्टिव पदार्थ सिर्फ लाइसेंसधारी ही बेच सकते हैं।
इन चीजों में होता है उपयोग
गौरतलब है कि कैलिफोर्नियम कैंसर के उपचार और इंडस्ट्रियल फील्ड में काम आता है. मेडिकल फील्ड में इसका इस्तेमाल कैंसर मरीजों और एक्स-रे मशीनों में होता है। इंडस्ट्रियल फील्ड में तेल के कुओं में पानी और तेल की लेयर का पता लगाने, गोल्ड और सिल्वर के डिटेक्शन के अलावा पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर में इसका इस्तेमाल किया जाता है। कैलिफोर्नियम एक खतरनाक रेडियोएक्टिव मेटल है जो इंसानों के साथ ही पशु-पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसके संपर्क में आने से कैंसर हो सकता है. शरीर की प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो सकती है। ल्यूकोमिया और मिसकैरिज जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं। कैलिफोर्नियम प्रजनन क्षमता पर भी असर डालता है।