मिरर मीडिया : विद्यालयों द्वारा मनमानी फीस का विवाद सुलझता नज़र नहीं आ रहा है। अभिभावक महासंघ के प्रयास के बाद जिला स्तर पर फीस नियंत्रण कमेटी का गठन तो किया गया पर सिर्फ लीपा पोती का काम। आपको बता दे कि जिला स्तर पर फीस नियंत्रण कमेटी में कुछ विद्यालयों के प्राचार्य के नाम आने के बाद अभिभावक महासंघ में विरोध शुरू कर दिया है। इस बाबत अभिभावक महासंघ का कहना है कि बर्ड्स गार्डन स्कूल के प्राचार्य प्रमोद चौरसिया एवं टाटा डीएवी के प्राचार्य पी के मिश्रा का नाम चयन में आना कहीं ना कहीं शिक्षा विभाग के द्वारा मिलीभगत को दर्शाता है। ये दोनों प्राचार्यों के ऊपर बहुत सारे आरोप लगे हैं साथ ही नियम संगत चयन नहीं होने को लेकर उन्होंने विधायक एवं सांसद के विशेषाधिकार का हनन भी बताया है।
ज्ञात हो कि झारखंड गजट 2019 के आलोक में जिला स्तरीय फीस निर्धारण समिति और स्कूल स्तरीय फीस निर्धारण समिति का गठन किया जाना है जो बहुत प्रयास के बाद अब धरातल पर नज़र आ रहा है। गिरिडीह के बाद अब धनबाद में भी काफ़ी जद्दोजहद के बाद उपायुक्त के संज्ञान में लाने के बाद त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए इसे अब गति प्रदान करते हुए धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 की कंडिका 7अ का अवलोकन के मुताबिक ये स्पष्ट है कि 5 सदस्यों को छोड़कर सभी समिति के पदेन सदस्य होंगे। सभी पदेन सदस्यों को लेकर पहले समिति का गठन होगा उसके बाद पांच अन्य सदस्य यथा एक चार्टर्ड अकाउंटेंट दो माता-पिता एवं दो विद्यालय के प्राचार्य को नामित किया जाएगा।
बहरहाल अभिभावक महासंघ के द्वारा बर्ड्स गार्डन के प्राचार्य प्रमोद चौरसिया एवं टाटा डीएवी के प्राचार्य पीके मिश्रा के ऊपर लगाए जा रहे आरोपों पर शिक्षा विभाग किस प्रकार से संज्ञान लेती है एवं इनके नाम में फेरबदल करती है यह देखने वाली बात होगी।