मिरर मीडिया : मकर संक्रांति का पर्व आज 14 जनवरी को मनाएं या या कल 15 को इसी कंन्फ्यूजन में है लोग। आपको बता दें कि कई वर्षो से अधिकतर 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता रहा है। लेकिन इस बार मकर संक्रांति के पर्व की तारीख पर कन्फ्यूजन है। वहीं ज्योतिषाचार्य की माने तो जितने भी हिंदू पर्व, त्योहार या व्रत हैं, वे पंचांग के आधार पर तय होते हैं, जिसमें ग्रहों और नक्षत्रों के बारे में सटीक जानकारी दी जाती है। सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस राशि से संबंधित संक्रांति होती है।
इस बार सूर्य का प्रवेश मकर राशि में होने वाला है, तब मकर संक्रांति होगी। सूर्य के मकर में प्रवेश करने का समय ही तय करता है कि मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी। लिहाजा 14 जनवरी को हम मकर संक्रांति के लिए फिक्स नहीं कर सकते हैं।
इस साल सूर्य देव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 08 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है। उस समय ही मकर संक्रांति का क्षण है, लेकिन उस समय में स्नान और दान कैसे होगा? इस वजह से अगले दिन सूर्योदय के बाद मकर संक्रांति का स्नान और दान होगा।
इधर कुछ और ज्योतिषाचार्य का मानना है कि सूर्य की पूजा तो सूर्योदय काल से होगी, जब वह मकर राशि में हो। 14 जनवरी को प्रात:काल में तो सूर्य धनु राशि में ही रहेगा, उसका मकर में प्रवेश रात के समय हो रहा है। ऐसे में जो लोग 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाना चाहते हैं, उनको मकर संक्रांति के स्नान और दान का पुण्य कैसे प्राप्त होगा? रात्रि के समय में सूर्य देव अस्त रहेंगे।
14 जनवरी को रात में जब सूर्य का मकर राशि में प्रवेश हो जाएगा तो प्रात:काल 15 जनवरी को सूर्योदय पर मकर संक्रांति का स्नान, दान और सूर्य देव की पूजा करना उचित है। ऐसे में लोग भ्रमित न हों और इस साल 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाना उचित है। 15 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान का समय सुबह 07:17 बजे से सुबह 09:04 बजे तक है। इस समय मकर संक्रांति का महा पुण्यकाल रहेगा। इसमें आप स्नान, दान और पूजा पाठ करे, सूर्य देव की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
हालांकि 15 जनवरी को रविवार पड़ता है और ऐसे में कई लोग रविवार को तिल को ना छूते है ना इसका अर्पण करते हैं ऐसे में 15 को मकरसंक्रांति मनाना उन लोगों के लिए भी असहज और असमंजस पैदा किये हुए है।