मिरर मीडिया : ED के बाद अब ग्रामीण कार्य विकास के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम पर ACB का शिकंजा कसने वाला है। दरअसल आय से अधिक संपति मामले की जांच को लेकर वीरेंद्र राम पर एसीबी को विभाग के द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई है। यानी अब ACB में भी आय से अधिक अर्जित करने का मामला चलेगा।
बता दें नवंबर 2020 में एसीबी के दर्ज केस के आधार पर वीरेंद्र राम पर मुकदमा चलाने की अनुमति एसीबी ने विभाग से मांगी थी। लेकिन लंबे समय से अनुमति नहीं मिल पाने की वजह से वीरेंद्र राम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच शुरू नहीं हो पायी थी। लेकिन अब विभागीय आदेश के बाद ACB ने कोर्ट को जानकारी देते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि वर्ष 2020 को जमशेदपुर के जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद को एसीबी ने रिश्वत लेते पकड़ा था। जिसके बाद उसके घर पर छापेमारी की थी। तब उनके मकान से 2.67 करोड़ बरामद किए गए थे। जबकि ACB द्वारा पूछताछ के दौरान सुरेश प्रसाद ने यह बताया कि ये सारे पैसे वीरेंद्र राम के हैं। वहीं वीरेंद्र राम के चचेरे भाई आलोक रंजन के द्वारा मकान किराए पर लेने की बात भी सुरेश प्रसाद ने बतायी थी। सुरेश प्रसाद ने तब मकान का रेंट एग्रीमेंट भी एसीबी को दिया था। एसीबी ने इसी आधार पर वीरेंद्र राम के खिलाफ जांच के लिए विभाग से अनुमति मांगी थी।