मिरर मीडिया : जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने वाले धनबादवासियों के लिए दिग्भ्रमित होने की कोई जरुरत नहीं है। दरअसल जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने हेतु लोग भ्रमित होकर पूर्व पार्षद के हस्ताक्षर के लिए उनके आवास का चक्कर लगा रहे हैं।
सरकार के द्वारा न ही ऐसा कोई आदेश जारी किया गया है और ना ही निगम द्वारा इस प्रकार के कोई निर्देश जारी किए गए हैं।
बता दें कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए लोग अब भी पूर्व पार्षद के दफ्तर और घर का चक्कर लगा रहे हैं। जबकि जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन के साथ पूर्व पार्षद के अनुशंसा पत्र की बाध्यता नहीं है। बावजूद इसके कुछ पूर्व पार्षद लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। नियम के अनुसार ही लोग प्रमाण पत्र के लिए शपथ पत्र, आंगनबाड़ी सेविका का हस्ताक्षर पड़ोस में रहनेवाले दो गवाहों के हस्ताक्षर के साथ नगर निगम में आवेदन कर सकते हैं। तय समय में उनका जन्म प्रमाण पत्र बन जाएगा।
इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी सह जन्म मृत्यु के सब रजिस्ट्रार मोहम्मद अनीस ने स्पष्ट रूप से बताया कि जन्म प्रमाण पत्र बनाने हेतु पूर्व पार्षद की किसी प्रकार की कोई भूमिका नहीं है साथ ही उन्होंने बताया कि सारी प्रक्रिया पूरी होने के 15 दिन के अंदर प्रमाण पत्र निर्गत कर दिये जाएंगे। जितनी सरल प्रक्रिया के तहत जन्म प्रमाण पत्र बनाई जा रही है ऐसे में लोगों को सजग हो कर निगम कार्यालय आने की जरूरत है बशर्ते पूर्व पार्षद की आवास जाने की।
बता दें कि ऐसी शिकायतें मिल रही थी कि शहरवासी अपने बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कुछ पार्षदों के दफ्तर और घर के चक्कर लगाने को मजबूर हो गए थे। कुछ पार्षदों ने इस व्यवस्था को कमाई का जरिया भी बना लिया था। जिसके बाद पूरे मामले में कार्यपालक पदाधिकारी ने लोगों को जागरूक करने हेतु उक्त जानकारियां साझा की।