समान नागरिक संहिता पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने बदले अपने बोल, कहा सरकार यूसीसी के बजाय गरीबी दूर करने पर दे ध्यान

Anupam Kumar
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मिरर मीडिया : समान नागरिक संहिता पर देश के नेताओं द्वारा रोज अलग –अलग बयान सामने आ रहें हैं।
इसी बीच अब यूसीसी पर बसपा सुप्रीमो मायावती का नया बयान सामने आया हैं।
बता दें कि शनिवार को नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हर राजनीतिक-सामाजिक गतिविधि पर नजर रखें, लेकिन कोई प्रतिक्रिया न दें, क्योंकि पार्टी को हर वर्ग का वोट चाहिए। पार्टी इस मुद्दे को लेकर हालात को परखेगी तब जा कर कोई कदम उठाएगी । साथ ही पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का निर्देश दिया । इस दौरान बसपा अध्यक्ष मायावती भाजपा पर काफ़ी हमलावर रहीं।
वहीं यूसीसी पर आपने पहले दिए गए बयान से पलटते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और उसकी सरकार को यूसीसी जैसे गैर-जरूरी मुद्दों पर ऊर्जा लगाने की जगह महंगाई कम करने और गरीबी दूर करने पर काम करना चाहिए।
दरअसल 2 जुलाई को बसपा अध्यक्ष मायावती ने यूसीसी पर बयान देते हुए कहा था कि अगर देश में एक समान कानून लागू होता है तो उससे देश कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत होगा। बसपा यूसीसी की विरोधी नहीं है। वहीं अब जिस तरह से मायावती का रुख बदला है, उससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए गंभीरता से विचार-प्रयास कर रही हैं या फिर विपक्षी एकजुटता के लिए भी संभावनाओं की खिड़की खुली रखना चाहती हैं।

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