देश : अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के तीन गांवों के लोगों ने सरकार को धमकी दी है और कहा है कि अगर सरकार नदी पर स्थायी पुल बनाने में विफल रहती है, तो अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे। गांववालों की 2014 से ही यह प्रमुख मांग है।
इसमें राइम मोको, पिडी राइम और टोडी राइम के गांवों के लोग शामिल हैं । इनकी आबादी लगभग 400 है और उनमें से लगभग 300 मतदाता हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, पूर्वोत्तर राज्य की जनसंख्या केवल 13.84 लाख है।
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय लोगों ने एक अस्थायी पुल बनाया हुआ है जिसमें एक तरफ लकड़ी की रेलिंग के साथ यह 20 मीटर लंबा है। यह लकड़ी का पुल रोजाना के लिए तो ठीक है लेकिन यह मानसून के दौरान उपयोगी नहीं है क्योंकि यह पिसम नदी की सहायक नदी हिजम के जल स्तर से नीचे चला जाता है।
गांवों के लोगों का मानना है कि सड़क संपर्क का मुद्दा क्षेत्र को आर्थिक और सामाजिक रूप से भी प्रभावित कर रहा है। रीम मोको, पिडी रीम और टोडे रीम गांवों के निवासियों ने हाल ही में इस मुद्दे पर आपस में चर्चा की और राज्य सरकार से पिडी रीम से हिजुम तक एक बारहमासी सड़क और नदी पर एक स्थायी पुल बनाने का आग्रह करने का संकल्प लिया।
वहीं राइम मोको गांव में रहने वाले एक स्थानीय का कहना है कि जब नदी उफान पर होती है, तो माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं। उन्हें डर है कि कहीं बच्चे ब्रिज से फिसल न जाए। उन्होंने कहा कि उचित पुल के अभाव में, चाहे मानसून हो या न हो, किसी मरीज को अस्पताल ले जाना बेहद मुश्किल होता है।हमें मरीजों को अपनी पीठ पर लादकर नदी पर बने लॉग ब्रिज को पार करके निक्टे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या आलो जनरल अस्पताल ले जाना पड़ता है।