सिविल सर्जन कार्यालय, सदर अस्पताल से लेकर एसएनएमएमसीएच तक कई स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं मिला है वेतन
सरकार और प्रशासन से कर्मियों की भारी नाराजगी
मिरर मीडिया : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल की दूसरी लहर में फ्रंट लाइन में रहकर अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की जान बचाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की जीविकोपार्जन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि ये मामला केवल एक अस्पताल का नहीं बल्कि पूरे स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न योजनाओं में कार्य कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों का है। लिहाज़ा कहीं 4 महीने का तो कहीं 2 महीनों के वेतन के लिए कर्मियों को सिविल सर्जन कार्यालय से उपायुक्त कार्यालय तक चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। बोलने को तो सरकार की ओर से उन्हें कोरोनावरियर्स की उपाधि दी गई है, लेकिन कर्मियों का कहना है उन्हें वेतन ही दे दिया जाए, तो किसी सम्मान से कम नहीं होगा। इधर, अस्पताल के अधीक्षक डॉ एके वर्णवाल ने कहा है संबंधित वेतन को लेकर विभागीय अधिकारी से बातचीत हो रही है।
कैथ लैब के 41 कर्मियों के भविष्य के साथ खिलवाड़
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान जिला प्रशासन की ओर से पैथ लैब में 41 कर्मियों की बहाली की गई थी, इसे फ्रंटलाइन एजेंसी में बहाल किया था। लेकिन अब फ्रंटलाइन एजेंसी का कहना है उसके पास राज्य सरकार की ओर से आवंटन नहीं आ रहा है इसलिए आगे का वेतन अब डीएमएफटी फंड से दिया जाएगा। यह कहकर एजेंसी ने पल्ला झाड़ लिया है। अब 4 महीने के वेतन के लिए कर्मी चक्कर काट रहे हैं। इन्हें अब नौकरी जाने का भी खतरा है।
सदर अस्पताल के कर्मियों को 3 महीने से वेतन नहीं
डेडीकेटेड कोविड सेंटर (सदर अस्पताल) में कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य कर्मियों ने उत्कृष्ट सेवा प्रदान की। लेकिन यहां भी पिछले 3 महीने से कर्मियों को वेतन नहीं मिला है। जबकि अभी यहां पर टीकाकरण कोरोना जांच में कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। वेतन नहीं मिलने से कर्मी काफी मायूस है। इस और अभी तक स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पिछले दिनों यहां एक नर्स की मौत इलाज के अभाव में हो गई थी।
टीबी के कर्मियों को वेतन नहीं
जिला यक्ष्मा विभाग में कार्यरत टीबी के लगभग 40 कर्मियों को अभी तक वेतन नहीं मिला है। बिजली कर्मी हर दिन जिला यक्ष्मा पदाधिकारी और सिविल सर्जन से गुहार लगा रहे हैं। यह कर्मी को रोना की दूसरी लहर में मरीजों की जांच में शामिल थे। वेतन नहीं मिलने से विभाग के कर्मी काफी नाराज हैं।