विदेश : ओल्गा कारमोना के पहले हाफ में दागे गोल की बदौलत स्पेन रविवार को इंग्लैंड को 1-0 से हरा कर पहली बार फीफा महिला विश्व कप खिताब जीत लिया है।
मालूम हो कि स्पेन ने खिलाड़ियों की बगावत के एक साल से भी कम समय में यह खिताब जीता, स्पेन के पहले बड़े अंतरराष्ट्रीय खिताब ने उसे 2007 में जर्मनी के बाद महिला फुटबॉल विश्व कप जीतने वाली पहली यूरोपीय टीम भी बना दिया। कारमोना ने मैच के 29वें मिनट में बाएं पैर से दनदनाता हुआ शॉट लगाया, जिसे इंग्लैंड की गोलकीपर मैरी अप्स गोता लगाने के बावजूद गोल में जाने से रोकने में नाकाम रहीं।
जश्न मनाते हुए कारमोना ने अपनी जर्सी उठा ली, जिसके नीचे उनकी शर्ट पर ‘मेची’ लिखा था, जो उनके पूर्व स्कूल का नाम है। कारमोना ने स्वीडन के खिलाफ सेमीफाइनल में स्पेन की 2-1 की जीत के दौरान भी 89वें मिनट में विजयी गोल दागा था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि स्पेन ने इस महिला फीफा विश्व कप संस्करण से पहले इस टूर्नामेंट में सिर्फ एक मैच ही जीता था।1991, 1995, 1999, 2003, 2007 और 2011 मैं टीम क्वालिफाइ ही नहीं कर पायी थी।2015 में पहली बार खेली और तीन में से दो मैच हारे। एक ड्रॉ रहे थे। 2019 संस्करण में एक जीत के साथ राउंड ऑफ-16 तक पहुंची थी। इस बार सात मैच खेले और छह जीते।
बता दें कि स्पेन की यह जीत इसलिए भी काबिलेतारीफ है, क्योंकि पिछले साल उसकी खिलाड़ियों ने बगावत कर दी थी। टीम की 15 खिलाड़ियों ने कहा था कि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए राष्ट्रीय टीम से दूर हो रही हैं।अधिक पेशेवर माहौल की वकालत की थी।तीन खिलाड़ी ओना बेटले, ऐटाना बोनमैट और मारियोना केलडेंटे ने बाद में टीम से जुड़ी।