झारखंड में महामारी का रूप धारण कर रहा है लंपी वायरस,तीन सप्ताह के अंदर आठ सौ पशुधन की हुई मौत

Anupam Kumar
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झारखंड : पशुओं में फैलने वाले लंपी वायरस ने पूरे झारखंड में महामारी का रूप धारण कर लिया है। वहीं इससे बचाव के लिए पशुपालन विभाग के पास समुचित संख्या में टीके भी उपलब्ध नहीं हैं। नतीजतन पशुओं की अकाल मौत हो रही है।
बता दें कि चतरा जिले में पिछले तीन सप्ताह में ही करीब आठ सौ पशुधन की मौत हो गई है। हजारों बीमार हैं। वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप चतरा के हंटरगंज, कान्हाचट्टी, कुंदा, लावालौंग, सिमरिया एवं गिद्धौर प्रखंड में देखा जा रहा है। यह वायरस ज्यादातर गाय और बैलों को शिकार बना रहा है। इससे संक्रमित होने के बाद एक से डेढ़ सप्ताह के अंदर पशुओं की मौत हो जा रही है।
वहीं पशुओं के उपचार के लिए पशुपालक हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में नहीं है। ग्रामीणों में पशुपालन अधिकारियों के प्रति भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि पशुओं का नियमित टीकाकरण नहीं हो रहा है। यदि टीकाकरण होता, तो वायरस महामारी का रूप न लेता। टीकाकरण नहीं होने के पीछे मांग के अनुसार टीके का अभाव बताया जा रहा है।
मालूम हो कि पूरे प्रदेश में लंपी वायरस फैला हुआ है। टीकाकरण के लिए पांच हजार वैक्सीन मिली है। गंभीर रूप से प्रभावित इलाके में टीकाकरण प्रारंभ किया गया है। जितनी वैक्सीन मिली हैं, वह पर्याप्त नहीं हैं। और चालीस हजार वैक्सीन की मांग की जा रही है।

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