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महिला आरक्षण बिल पर एक बार फिर तेज हुई चर्चा,उपराष्ट्रपति के बयान के बाद एनसीपी नेता शरद पवार का आया बयान, बोले इस बिल का करेंगे समर्थन

देश : महिला आरक्षण बिल को लेकर पूरे देश भर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, उपराष्ट्रपति के महिला आरक्षण बिल को लेकर आए बयान के बाद से इसे लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। इसी बीच, कई नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
मालूम हो कि एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि अगर भाजपा इस बिल पर समर्थन देगी, तो हम निश्चित रूप से इसका समर्थन करेंगे। हालांकि, इसको लेकर उन्होंने भाजपा पर निशाना भी साधा है।

संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने के बीआरएस एमएलसी के कविता के अनुरोध पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि संसद में महिला आरक्षण देने की आवश्यकता है और इसके लिए क्या किया जाना चाहिए, इस पर चर्चा किया जा सकता है, लेकिन इसे पहले संसद में स्वीकार किया जाना चाहिए। अगर बीजेपी इस बिल का समर्थन करेगी, तो हम निश्चित रूप से इसका समर्थन करेंगे, लेकिन मेरा मानना है कि बीजेपी इस बिल को प्राथमिकता नहीं देगी। यह संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र में नहीं आएगा और अगर आएगा तो हम इसका समर्थन करेंगे।
वहीं महिला आरक्षण बिल पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि महिला आरक्षण बिल लाने से लोकतंत्र मजबूत होगा। उन्होंने इसके समर्थन में कहा कि यह बिल लंबे समय से लंबित है। हमारी पार्टी का मानना है कि महिला आरक्षण बिल का उद्देश्य लोकतंत्र को मजबूत करना चाहिए। ST/SC महिलाओं के लिए एक जगह आरक्षित होना चाहिए। आरक्षण में आरक्षण मिलना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो हमें अगले 25 सालों तक एक और लड़ाई लड़नी होगी। हमें इस सत्र में ‘आरक्षण के भीतर आरक्षण’ के साथ महिला आरक्षण विधेयक लाना चाहिए और इसे पारित करना चाहिए।
ध्यान देने योग्य है कि महिला आरक्षण बिल यदि संसद में पारित हो जाता है, तो इससे संसद में महिलाओं की भागीदारी 33 प्रतिशत सुनिश्चित हो जाएगी। यह बिल राज्यसभा में पास हो चुका है और कई बार संसद में प्रस्तुत किया जा चुका है। 9 मार्च, 2010 को यह बिल भारी बहुमत से राज्यसभा से पारित किया गया था।
बता दें कि 9 मार्च साल 2010 में कांग्रेस ने बीजेपी, जेडीयू और वामपंथी दलों के सपोर्ट से राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल भारी बहुमत से पारित कराया। लेकिन लोकसभा में कभी भी यह बिल पास नहीं हो सका।

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