बिहार : बिहार के मुजफ्फरपुर में गायघाट प्रखंड के बेनीबाद ओपी क्षेत्र में गुरुवार को बागमती नदी में नाव पलटने से उस पर सवार करीब 35 व्यक्ति डूब गए। 20 लोगों को बचा लिया गया। वहीं 13 लापता है।
मालूम हो कि इस नाव में अधिकतर स्कूली छात्र-छात्राएं हैं। जानकारी के मुताबिक, लापता हुए 13 लोगों की शुक्रवार को भी तलाश जारी है। इस दौरान तीन शव बरामद कर लिए गए हैं।
बता दें कि गुरुवार को देर शाम तक गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम इन लापता लोगों को खोजने में लगी रही, मगर किसी का पता नहीं चल सका। अंधेरा होने के चलते अभियान बंद कर दिया गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह से लापता लोगों की तलाश शुरू की गई।
घटना के बाद इलाके में कोहराम मच गया है। हादसे के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिले में एसकेएमसीएच का निरीक्षण कर रहे थे।
जानकारी मिलने पर उन्होंने डीएम प्रणव कुमार को तुरंत घटनास्थल पर जाकर बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। इसके बाद डीएम समेत अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंचे।
दअरसल, नाव मधुरपट्टी गांव से भटगामा जा रही थी। उस स्थान पर करीब 60 फीट चौड़ी नदी पार करने के लिए इस नाव को बिना पतवार के दोनों किनारे बंधे छह एमएम मोटे तार के सहारे चलाया जा रहा था।
भटगामा की ओर नाव लगभग किनारे लग गई थी, मगर घाट में बनी सीढ़ी से टकरा गई। इससे तार से लगे रिंग में बंधी रस्सी टूट गई।
जिस नाव पर बेनीबाद ओपी के मधुरपट्टी गांव के लोगों की जिंदगानी चलती है उसने गुरुवार को बड़ा दर्द दे दिया। भटगामा घाट में नाव के पलटने से एक दर्जन परिवार की आंखें दिनभर अपनों की तलाश में रही, मगर शाम के बाद निराशा हाथ लगी। लापता 13 में से एक का भी पता नहीं चला।
मधुरपट्टी गांव के पिंटू सहनी ने बताया कि घटना के बाद जिसे तैरने आता था सभी लोग नदी मे कूद पड़े। हादसे के बाद चारों तरफ चीख-पुकार मच गई।
लापता लोगों के स्वजन शाम तक नदी के किनारे बैठकर विलाप करते रहे। नाविक राजू सहनी ने बताया कि नाव पलटने के बाद तेज धारा मे लोग बहने लगे।
मालूम हो कि बागमती नदी के दो किनारे पर मधुरपट्टी एवं भटगामा गांव है। मधुरपट्टी से लोग रोज नाव से ही भटगामा आना-जाना करते हैं।
यह इसलिए क्योंकि भटगामा में ही उच्चतर माध्यमिक स्कूल और जन वितरण प्रणाली की दुकान है। सुबह करीब 11 बजे नाव से लोग राशन लेने और स्कूली छात्र-छात्राएं मैट्रिक का फार्म भरने जा रहे थे।
बागमती की धारा में अभी तेज बहाव है। इसके बावजूद नाव को बिना पतवार के खेया जा रहा था। बताया जा रहा कि यहां इसी तरह नावों का परिचालन काफी दिनों से हो रहा है। दोनों गांव के लोग इसी नाव पर आते-जाते हैं, मगर जिम्मेदार ने ध्यान नहीं दिया और हादसा हो गया।