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तानाशाही नेता किम जोंग उन ने रूसी लड़ाकू जेट संयंत्र का किया निरीक्षण, अमेरिका सहित तमाम देशों की बढ़ी चिंता

विदेश : उत्तर कोरिया के तानाशाही नेता किम जोंग उन ने अपनी रूस की यात्रा के दौरान एक स्वीकृत लड़ाकू जेट संयंत्र का निरीक्षण किया। इसके बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों में डर है कि अब यूक्रेन में रूस की सेना मजबूत हो सकती है और प्योंगयांग के मिसाइल कार्यक्रम को बढ़ावा मिल जाएगा।
मालूम हो कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बुधवार को एक शिखर सम्मेलन के लिए उत्तर कोरियाई नेता से मुलाकात की। इसमें उन्होंने सैन्य मामलों और सहयोग को गहरा करने पर चर्चा की और इसके लिए किम ने पुतिन को उत्तर कोरिया आने के लिए आमंत्रित किया है।
वहीं किम ने सुदूर पूर्वी शहर कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर में दो विमानन सुविधाओं, यूरी गगारिन एविएशन प्लांट और याकोवलेव प्लांट का दौरा किया। गौरतलब है कि दोनों यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (यूएसी) की इकाइयां हैं, जिन्हें यूक्रेन में युद्ध के कारण पश्चिम द्वारा मंजूरी दी गई है।

गगारिन संयंत्र को भी विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा मंजूरी दी गई है। समाचार एजेंसी के मुताबिक, रूसी सरकार ने कहा कि उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ किम ने गगारिन संयंत्र में असेंबली कार्यशालाओं का निरीक्षण किया, जहां सुखोई एसयू-35 मल्टीरोल लड़ाकू विमान और एसयू-57 लड़ाकू विमान बनाए जाते हैं।

रूसी सरकार ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने संयंत्र की तकनीकी क्षमताओं का भी निरीक्षण किया, जिसे आधुनिक बनाया गया है और फिर से तैयार किया गया है।” गौरतलब है कि किम ने Su-35 की उड़ान प्रदर्शन देखने से पहले, उन कार्यशालाओं का निरीक्षण किया, जहां रूस के सुखोई सुपरजेट 100 के धड़ और विंग बनाए जाते हैं।

वही मंटुरोव ने कहा कहा कि हमने डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के नेता को अपनी अग्रणी विमान उत्पादन सुविधाओं में से एक का प्रदर्शन किया है। हम विमान निर्माण और अन्य उद्योगों दोनों में सहयोग की संभावना पर नजर बनाए हुए हैं।

हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए किम और पुतिन के बीच बढ़ रही दोस्ती चिंता का विषय है। वाशिंगटन ने आरोप लगाया है कि उत्तर कोरिया ने रूस को हथियार मुहैया कराया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि हथियारों की कोई डिलीवरी की गई है या नहीं। रूस और उत्तर कोरिया दोनों ने उन दावों का खंडन किया है, लेकिन रक्षा सहयोग को गहरा करने का वादा किया है।

इधर,दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिक और रक्षा अधिकारी शुक्रवार को इस बात पर सहमत हुए कि उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य सहयोग संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का गंभीर उल्लंघन है। साथ ही, उन्होंने मास्को से सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में जिम्मेदारी दिखाने का आग्रह किया।
बता दें कि दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री पार्क जिन ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि सरकार हथियार व्यापार संबंधी चिंताओं को लेकर उत्तर कोरिया और रूस पर स्वतंत्र प्रतिबंध लगाने के विकल्पों पर विचार कर रही है।

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