मिरर मीडिया : भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक भाई दूज का त्योहार आज है। इस साल भाई दूज 15 नवंबर दिन बुधवार को मनाया जा रहा है। आज के दिन भाई अपनी बहन के घर तिलक करवाने जाते हैं। भैया दूज को भातृ द्वितीया भी कहते हैं। इस त्योहार का भाई-बहन के प्रगाढ़ संबंध में विशेष महत्व है। भाई दूज पर बहनें भाइयों के लंबी उम्र व स्वस्थ होने की मंगल कामना करती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भाई दूज पर्व का संबंध मृत्यु के देवता यमराज से है, इसलिए इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान सूर्य की पत्नी छाया को दो संतान यमराज और यमुना थी। यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। बराबर अपने घर भोजन करने का आमंत्रण देती थी। यमराज अपनी बहन के आमंत्रण को बार-बार अनसुना कर देते थे। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितिया के दिन यमुना ने यमराज को वचनबद्ध कर अपने घर आने को विवश कर दिया। तब से ही भाई दूज मनाने की परंपरा चली आ रही है।
पूरे देश में भाई दूज के पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन बहनों के हाथ का बना भोजन करने से भाइओं को जीवन की हर खुशी मिलती है। साथ ही इस दिन यमराज और यमुना देवी की पूजा करने से जाने-अनजाने से किए गए पापों से छुटकारा मिलता है। कहा जाता है कि भाई दूज पर शाम के समय 4 बत्ती वाला दीया जलाने और दीपदान करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है।

