देश : मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा से राज्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा है। सिंह ने कहा कि पड़ोसी राज्य मणिपुर में जातीय संघर्ष को हल करने के लिए अपना समर्थन दे सकते हैं, उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री से दूसरे राज्य के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से बचने का अनुरोध किया।
बता दें कि एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने कहा कि मैंने मिजोरम के नवनियुक्त सीएम की एक टिप्पणी देखी है कि राज्य पुलिस को मोरेह में उनके लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए। मुझे लगता है कि यह उनके संवैधानिक अधिकारों से थोड़ा परे है।उन्होंने आगे कहा कि यह मणिपुर सरकार का आंतरिक मामला है। मोरेह एक सीमावर्ती शहर है जो मणिपुर के तेंगनौपाल जिले में भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित है।
एक सभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि मैंने हमारे राज्य में जातीय हिंसा के बारे में असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा और नागालैंड के सीएम नेफ्यू रियो से बात की थी और उन्होंने इस मुद्दे को सुलझाने और शांति बहाल करने के लिए अपना समर्थन देने की पेशकश की थी।
सिंह ने कहा कि मैंने त्रिपुरा, मेघालय और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों से भी बातचीत की और उन्होंने भी राज्य में स्थिति सामान्य बनाने के लिए मदद का हाथ बढ़ाया।
बता दें कि सिंह ने जोर देकर कहा कि मैं इन सबका जिक्र इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मणिपुर और मिजोरम के बीच कोई असहमति या झगड़ा नहीं है। मिजोरम में मेइतेई और मणिपुर में मिज़ोस हैं। असम और त्रिपुरा में भी एक लाख से अधिक मेइतेई हैं। पूर्वोत्तर में, हम सभी एक साथ रहते हैं।