मिरर मीडिया : झारखंड राज्य बाल-अधिकार संरक्षण आयोग ने अपने नियमावली की धारा 16 में निहित प्रावधान का हवाला देते हुए सदस्य आभा वीरेंद्र अकिंचन एवं रूचि कुजूर को नियम के बाहर जाकर गैरकानूनी कार्य का आरोप लगाया है। आयोग ने इस संबंध में बीते 2 नवंबर एवं 14 दिसंबर को पत्र लिखकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा जिसका अबतक अनुपालन नहीं किये जाने पर भी सवाल किया है।
आयोग द्वारा जारी किये गए पत्र के अनुसार आभा वीरेंद्र अकिंचन एवं रूचि कुजूर पर बिना अध्यक्ष के अनुमति के नेतरहाट विद्यालय में जाकर विधायल के प्राचार्य के कुर्सी पर बैठकर सोशल मीडिया में वायरल कर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है इस प्रकरण को उन्होंने आयोग सहित झारखंड सरकार की छवि को धूमिल करने का कृत्य बताया है।
आयोग ने कहा कि चुकी ये आपके क्षेत्राधिकार से बाहर का कार्य है जिससे स्पष्ट तौर पर छवि धूमिल हुआ है अतः उक्त कृत्य को लेकर नियंत्री विभाग एवं झारखंड सरकार को आगे की कार्रवाई हेतु क्यूं नहीं अनुशंसा भेजी जाए। जबकि उन्हें अपने बचाव के लिए आयोग ने आज प्राप्त पत्र के सात दिनों के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए है। नहीं तो आयोग दोनों के विरुद्ध आगे की कार्रवाई के लिए बाध्य होगा।