मिरर मीडिया : धनबाद नगर निगम में 200 कराेड़ रुपये के इंटीग्रेटेड सड़क इस्टीमेट घाेटाले की जांच कर रही एसीबी ने पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल को नोटिस किया है। सात दिन के अंदर एसीबी थाना धनबाद में इस प्रकरण में अपना पक्ष रखने का अनुरोध किया है। डीएसपी एसीबी नितिन खंडेलवाल की ओर से किए गए नोटिस में कहा गया है कि 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राक्कलन घोटाले की जांच की जा रही है। पूर्व मेयर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और प्राक्कलन घोटाले में संलिप्ता का आरोप है। इसलिए सात दिन के अंदर पूछताछ के लिए उपस्थित हों। नोटिस मिलने के सवाल पर मुस्कुराते हुए अग्रवाल ने कहा-हम हर जांच के लिए तैयार हैं। कुछ भी गड़बड़ी नहीं हुई है। इसलिए जांच में कुछ भी मिलने वाला नहीं है। यह राजनीतिक जांच है। इससे सिर्फ विरोधियों का कलेजा ठंडा होगा।
बता दें कि धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की योजना में लगभग 200 करोड़ रुपये के प्राक्कलन घोटाले की जांच सरकार के निर्देश पर हो रही है, 14वें वित्त आयोग की राशि से धनबाद नगर निगम में 40 सड़कें स्वीकृत की गई थीं। इनमें से 27 का प्राक्कलन नगर निगम के ही तकनीकी पदधिकारियों ने बनाया था ,डीपीआर बनाने के एवज में किसी भी परामर्शी एजेंसी को शुल्क का भुगतान नहीं किया, इसमें 13 सड़कों के साथ नाली, एलईडी लाइट, पेबर्स ब्लॉक आदि का प्रावधान होने के कारण परामर्शी एजेंसी मेसर्स मास एंड व्यॉस से इसका डीपीआर और परामर्श शुल्क देकर डिजाइन तैयार कराया गया था इन 13 सड़कों की कुल प्राक्कलित राशि 156.33 करोड़ रुपये है, लेकिन इसके डीपीआर के अवलोकन से पता चला कि किसी भी डीपीआर में डिजाइन संलग्न नहीं है। सिर्फ यही नहीं डीपीआर में तकनीकी प्रतिवेदन भी नहीं है। इसके अलावा सड़कें बनाने में कई खामियां रहीं। तकनीकी प्रावधानों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया गया है।
पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल के निर्देश पर पहले से अच्छी स्थिति वाली पीसीसी सड़कों को ही तोड़कर प्राक्कलित राशि कई गुना बढ़ा दी गई। फिर उसी पीसीसी सड़कों का निर्माण करा दिया गया। परमर्शी मेसर्स मास एंड व्यॉस को परामर्शी शुल्क के रूप में बढ़े हुए प्राक्कलन के अनुसार मोटी रकम देकर उसमें से 50 प्रतिशत राशि मेयर द्वारा वसूले जाने का आरोप है।