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नोट इतने कि मशीने थक गई : 16 घंटे से अधिक की छापेमारी के बाद ED ने संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम को किया गिरफ्तार, मिले कई ट्रांसफर पोस्टिंग के दस्तावेज

Jharkhand कैश नगदी मिलने के कारण सुर्खियां बटोर रहा है। पहले कांग्रेस के धीरज साहू के पास से मिले 3 सौ करोड़ से भी ज्यादा की रकम के अभी ज्यादा वक्त भी नहीं बीत कि अब कांग्रेस के ही मंत्री के PS के नौकर के पास फिर नोटों का पहाड़ मिल गया। 10 हजार रुपये की रिश्वत का यह केस अब करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग तक पहुंच गया। बता दें कि झारखंड में मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके सहायक (नौकर) जगांगीर आलम के ठिकानों पर चली 16 घंटे से अधिक की छापेमारी के बाद ED ने सोमवार की देर रात दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से ईडी को 35 करोड़ की अधिक की रकम बरामद हुई है।

सोमवार को ED ने झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के एक सचिव के नौकर के ठिकानों सहित अन्य स्थानों पर रेड मारी, जहां से 35.23 करोड़ रुपए कैश, फ्लैट और ज्वैलरी बरामद की गई। इसमें 32 करोड़ रुपए सिर्फ कैश बरामद किया गया। एक अन्य ठिकाने से करीब 3 करोड़ रुपए और मिले हैं। 500 रूपये की गड्डी मिली है। सुबह से ये गिनती देर रात तक चली। नोट गिनने के लिए 6 मशीनें लगाई गईं। तीन-तीन कमरों में नोट गिनने का काम चला। इसके बाद ईडी ने मंत्री के निजी सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम को देर रात गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि झारखंड में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के नौकर घर जब सुबह अचानक से ED की टीम ने रेड की, तो हर कमरे में नोटों का जखीरा मिला। कहीं अलमारी में, तो कहीं बेड में छिपाकर रखे गए 500 रुपए की गड्डी के पहाड़ मिले। नोट इतने कि सुबह से गिनती का कार्यक्रम चालू हुआ तो देर शाम तक बड़ी-बड़ी मशीनों से नोट गिनने का काम चलता रहा।

नोट इतने अधिक थे कि बैंक के अधिकारियों ने सोमवार सुबह 9 बजे नोटों की गिनती शुरू की जो करीब 13 घंटे तक चलती रही। वहीं, ईडी के अधिकारियों ने सोमवार सुबह करीब 6 बजे रेड मारी और मंगलवार तड़के तक छापेमारी जारी रही। 20 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी जारी रही।

नोटों के अलावे ट्रांसफर-पोस्टिंग के दस्तावेज सहित आलमगीर आलम का लेटर हेड भी बरामद

आश्चर्य तो इस बात का है कि एक नौकर की सैलरी महज 15 हजार रुपए महीना है, जिसके घर से ये नोट मिले हैं हालांकि ये तो मोहरा था इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन नोटों के अलावे ट्रांसफर-पोस्टिंग के दस्तावेज डिजिटल उपकरण भी शामिल है  मिले हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़े राज्य के कुछ अधिकारियों का ट्रांसफर और पोस्टिंग कहां होना है, उनकी जगह पर किसे लाया जाना है इसकी पूरी जानकारी बाकायदा दस्तखत और तारीख के साथ कई सबूतों के ईडी के अधिकारियों को इसी घर में मिली। एक दस्तावेज पर लिखा था कि हटाना जरूरी है। उसमें ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों के ट्रांसफर से जुड़े पते दर्ज हैं। विभागीय मंत्री आलमगीर आलम का लेटर हेड भी बरामद हुआ है।

बता दें कि ED की यह छापेमारी मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल, दो इंजीनियर कुलदीप मिंज व विकास कुमार तथा ठेकेदार मुन्ना सिंह के आवास पर हुई है। इसमें सर्वाधिक 25 करोड़ रुपये से अधिक नकदी मंत्री के निजी सचिव संजीव कुमार लाल के नौकर जहांगीर आलम के हरमू रोड में सर सैयद रेसिडेंसी के ब्लॉक बी में फ्लैट नंबर 1 A से मिले हैं।

गौरतलब है कि ED ने यह कार्रवाई ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से जुड़े मामले में की है। वीरेंद्र राम को टेंडर घोटाले में गत वर्ष ईडी ने 23 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से ही वह जेल में बंद हैं। ईडी ने वीरेंद्र राम के विरुद्ध छानबीन में यह खुलासा किया था कि उन्होंने टेंडर कमीशन के माध्यम से करीब सवा सौ करोड़ की संपत्ति अर्जित की है।

ईडी ने उसके बाद एक-एक वीरेंद्र राम के पांच अन्य सहयोगियों को भी दबोचा था। उसी मामले में ईडी ने यह छापेमारी की है। मंत्री आलमगीर आलम ग्रामीण विकास विभाग के ही विभागीय मंत्री हैं।

बार-बार बेहोश होते रहे निजी सचिव संजीव कुमार लाल

इधर ED की रेड के दौरान मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल रुपयों की बरामदगी के बाद बार-बार बेहोश होते रहे। उनके सरकारी आवास पर ही उनका नौकर जहांगीर आलम रहता था।

ED ने अब तक इन्हें कर चुकी है गिरफ्तार

ग्रामीण कार्य विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम, उनका भतीजा आलोक रंजन, वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल का सहयोगी हरिश यादव, उनके सहयोगी नीरज मित्तल, राम प्रकाश भाटिया व तारा चंद।

KK Sagar
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