डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जमशेदपुर अभिभावक संघ ने शहर के हर निजी स्कूलों में चलने वाले सभी निजी स्कूली वाहन चालकों का चरित्र के साथ ही उनका आवासीय पता, मोबाइल नंबर और उनके वाहन का जिला प्रशासन द्वारा सत्यापन कराने के आदेश देने की मांग की है। इसे लेकर अभिभावक संघ ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। संघ का कहना है कि निजी स्कूल प्रबंधनों को अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सुरक्षित घर से स्कूल आने जाने के लिए स्कूल बस की व्यवस्था करनी है, लेकिन जमशेदपुर में एक दो स्कूलों को छोड़ किसी भी स्कूल में अपनी स्कूल बस की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए निजी स्कूली वाहन पर निर्भर करना पड़ता है। जबकि इन सभी निजी स्कूली वाहन चालकों में से किसी एक का भी रिकार्ड न निजी स्कूल प्रबंधन के पास और न ही जिला प्रशासन के पास है।
वहीं अगर कोई अभिभावक अगर इस संबंध में स्कूली वाहन चालक की खोज खबर लेना शुरू करते है या फिर किसी स्कूली वाहन चालक के गलत कृत का विरोध करते है तो उस क्षेत्र के सभी स्कूली वाहन चालक संगठित हो उस अभिभावक और उनके बच्चे का बहिष्कार कर देते है। ऐसे में कोई दूसरा स्कूली वाहन चालक उस बच्चे को स्कूल ले जाने से नाकार देता है। थक हार कर अभिभावक चुप बैठ जाते है, और निजी स्कूली वाहन चालक मनमानी करते रहते है। वही दुष्कर्म जैसे अमानवीय घृणित कृत वाहन चालकों (स्कूली) द्वारा किए जाने कि घटनाएं समय-समय पर सामने आती रहती है। पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है। 18 सितंबर 2015-बिरसानगर में स्कूली टेंपो चालक द्वारा चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना। वहीं 15 मई 2016 को सोनारी में कक्षा 5 की छात्रा से वेन चालक द्वारा दुष्कर्म का मामला सामने आया था।