टाटा मोटर्स और टाटा कमिंस कंपनी का मुख्यालय पुणे शिफ्ट करने के विरोध में झामुमो ने बुधवार को टाटा की कंपनियों के खिलाफ किया प्रदर्शन

Anupam Kumar
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जमशेदपुर। टाटा मोटर्स और टाटा कमिंस कंपनी का मुख्यालय पुणे शिफ्ट करने के विरोध में झामुमो ने बुधवार को टाटा की कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदर्शन के तहत टाटा स्टील कंपनी गेट, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील के नोवामुंडी और घाटकुरी स्थित टाटा लांग प्रोडक्ट कंपनी की विजय-2 खदान के मुख्य गेट को सुबह 6 बजे से ही जाम कर दिया है। इसका नेतृत्व पश्चिमी सिंहभूम झामुमो जिलाध्यक्ष सह चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव कर रहे हैं। झामुमो के सैकड़ों कार्यकर्ता दोनों जगहों पर मुख्य गेट और रेलवे साइडिंग के बाहर झंडा-बैनर लेकर जमा हो गए हैं। इससे आयरन ओर की लोडिंग और अनलोडिंग का काम पूरी तरह बंद हो गया है। इस बंदी से अकेले एसएलपीएल खदान में लगभग 10-15 हजार टन लौह अयस्क का उत्पादन व लगभग 4 हजार टन डिस्पैच प्रभावित होने का अनुमान है। आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा है। पुलिस-प्रशासन के उच्च अधिकारी आंदोलन स्थल पर मौजूद हैं। विधायक सुखराम उरांव, राहुल आदित्य अन्य नेता सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ नोवामुंडी स्थित टाटा स्टील खदान के गेट पर तंबू डाल व अलाव जलाकर बैठे है। बंद को सफल बनाने के लिए झामुमो के विधायक रामदास सोरेन, समीर मोहंती, संजीव सरदार, झामुमो नेता सोनाराम देवगम अलग-अलग जगहों पर नेतृत्व कर रहे हैं। झामुमो विधायक रामदास सोरेन का कहना है कि झारखंड सरकार ने यहां के स्थानीय लोगों के हित में यह निर्णय लिया है कि राज्य में स्थित सभी निजी कंपनियों को अपने-अपने प्रतिष्ठानों में 75 फीसदी स्थानीय लोगों को बहाल करना होगा। इस बाध्यता से बचने के लिए टाटा मोटर्स और टाटा कमिंस का मुख्यालय पुणे (महाराष्ट्र) शिफ्ट किया जा रहा है। मुख्यालय शिफ्ट होने से झारखंड में दोनों प्रतिष्ठान से जुड़े लगभग 15 हजार कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। टाटा समूह के इस फैसले से झारखंड को राजस्व का भी नुकसान होगा।

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