डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: नवरात्रि के पावन अवसर पर झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) की एक सराहनीय पहल से पांच अनाथ बेटियों और चार नाबालिग लड़कों को नया जीवन मिला। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा के निर्देश पर जिले में चलाए जा रहे वात्सल्य योजना के तहत एक स्पेशल टीम ने इन बच्चों की पहचान की, जो अत्यंत गरीब परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे थे। इन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है और ये अपने रिश्तेदारों के घरों में रहकर स्कूल के बाद दुकानों में काम करने को मजबूर थे।
स्पेशल टीम की त्वरित कार्रवाई
हिरापुर मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले इन बच्चों की स्थिति की सूचना मिलने पर स्पेशल टीम ने तुरंत डालसा को सूचित किया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए, जिसके बाद डालसा के सचिव राकेश रोशन ने तुरंत कदम उठाया। उन्होंने बच्चों के हित में काम करने वाले अधिकारियों और हिरापुर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को इन बच्चों के साथ डालसा कार्यालय बुलाया। मौके पर ही सभी नाबालिग बच्चों के आवश्यक दस्तावेज तैयार किए गए।
सरकार की प्रायोजन योजना से मिला आर्थिक सहारा
डालसा की ओर से इन बच्चों के लिए सरकार द्वारा संचालित प्रायोजन योजना के तहत चार हजार रुपए प्रति माह की सहायता राशि की व्यवस्था की गई, जो उन्हें 18 वर्ष की आयु तक प्राप्त होगी। इसके साथ ही सभी जरूरी कागजी कार्यवाही 30 दिनों के भीतर पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
नया जीवन, नई उम्मीद
डालसा की इस पहल से इन बच्चों के जीवन में एक नई उम्मीद जागी है। बच्चों ने बताया कि वे पढ़-लिखकर अधिकारी बनना चाहते हैं, लेकिन माता-पिता की मृत्यु और गरीबी ने उनकी राह में अवरोध खड़ा कर दिया था। अब, इस सहायता से उन्हें अपनी शिक्षा जारी रखने का अवसर मिला है और वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
समाज के लिए प्रेरणा
डालसा की यह पहल समाज के लिए एक प्रेरणादायक कदम है, जो अनाथ और जरूरतमंद बच्चों को एक बेहतर भविष्य देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
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