चंद्रयान-3 की सफलता के बाद चाँद की धरती पर भारत का पहला कदम : मानवयुक्त अंतरिक्ष के बाद मानव मिशन की योजना

KK Sagar
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चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब गगनयान, चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 मिशनों पर तेजी से काम कर रहा है। इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने शनिवार को ऑल इंडिया रेडियो के सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर में भारत के आगामी अंतरिक्ष मिशनों और वैश्विक स्पेस इकॉनमी में भारत की बढ़ती भागीदारी पर चर्चा की।

गगनयान: 2026 में होगा लॉन्च

इसरो के सबसे प्रतीक्षित मानव मिशन गगनयान के लॉन्च की उम्मीद अब 2026 में है। गगनयान मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, जो भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा। पहले इसे 2024 के अंत में लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन तारीख में बदलाव किया गया है।

चंद्रयान-4: 2028 में चांद से लाएगा सैंपल

एस. सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-4 मिशन, जो चांद की सतह से नमूने लाने का कार्य करेगा, 2028 तक लॉन्च हो सकता है। इस मिशन में 350 किलोग्राम का भारी रोवर होगा, जो जापान द्वारा प्रदान किया जाएगा। चंद्रयान-3 के रोवर का वजन मात्र 27 किलोग्राम था, जबकि चंद्रयान-4 का रोवर चंद्रमा की सतह का गहन अध्ययन करेगा।

भारत-अमेरिका का निसार मिशन और जापान के साथ लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन

भारत-अमेरिका के संयुक्त निसार मिशन, जो धरती की सतह पर पर्यावरणीय बदलाव और प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी प्रदान करेगा, के 2024 में लॉन्च होने की उम्मीद है। इसके साथ ही जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जेएक्सए के साथ भारत का लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन (LUPEX) मिशन भी चर्चा में है। इसे अब चंद्रयान-5 के रूप में 2028 के बाद लॉन्च किया जा सकता है।

2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन की योजना

इसरो प्रमुख ने बताया कि भारत का लक्ष्य 2040 तक चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन भेजने का है। चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 जैसे मिशन चंद्रमा पर मानव को उतारने की दिशा में भारत को एक कदम और करीब ले जाएंगे।

भारत के इन महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों से वैश्विक स्पेस इकॉनमी में उसकी भागीदारी बढ़ेगी, और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत नई ऊंचाइयों को छूने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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