संवाददाता, मिरर मीडिया: महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर सोमवार को भारी ठंड ने श्रद्धालुओं को परेशान कर दिया। कई सेक्टरों से बीमार श्रद्धालु बड़ी संख्या में इलाज के लिए मेला क्षेत्र के केंद्रीय अस्पताल और अन्य चिकित्सा केंद्रों में पहुंचे। इस दौरान ठंड की वजह से सैकड़ों लोग बीमार हुए, जिनमें से 85 वर्षीय संत अर्जुन गिरि को हार्ट अटैक होने पर एसआरएन अस्पताल ले जाया गया। लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
रास्ते में हुई संत की मौत
एसआरएन अस्पताल के मीडिया प्रभारी संतोष सिंह ने बताया कि 108 एंबुलेंस के जरिए शाम 6 बजे मरीज को ट्रामा सेंटर लाया गया। जांच में पता चला कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही संत का निधन हो चुका था। उनके शिष्य संत का पार्थिव शरीर छोड़कर चले गए। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
ओपीडी में 3104 संतो ने कराया इलाज
केंद्रीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार कौशिक ने जानकारी दी कि सोमवार को ओपीडी में कुल 3104 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इनमें से 262 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया, जबकि 37 गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया।
मेला क्षेत्र से लगातार एंबुलेंस सेवा सक्रिय
झूसी और अरैल क्षेत्र के अस्पतालों से भी मरीजों को एसआरएन अस्पताल रेफर किया गया। एसआरएन में 24 रेफर मरीज पहुंचे, जिनमें से 12 को भर्ती किया गया और शेष मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। केंद्रीय अस्पताल में रात आठ बजे तक 20 मरीज भर्ती थे। इनमें श्रद्धालुओं के साथ अग्निशमन विभाग के कर्मी भी शामिल हैं।
मेला क्षेत्र और एसआरएन अस्पताल के बीच दिनभर एंबुलेंस सेवाएं संचालित होती रहीं। केंद्रीय अस्पताल में 650 मरीजों की जांच की गई। ठंड के प्रकोप को देखते हुए चिकित्सा सेवाओं को सतर्क किया गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतें।