शिमला: हिमाचल प्रदेश में सर्दियों की विदाई से पहले हुई भारी बारिश और बर्फबारी ने भारी तबाही मचाई। कुल्लू, शिमला, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कांगड़ा जिलों में बारिश और बर्फबारी के चलते भूस्खलन हुआ, जिससे कई सड़कें बाधित हो गईं।
बादल फटने और भूस्खलन से नुकसान
शुक्रवार को कुल्लू के पाहनाला और कांगड़ा के छोटा भंगाल स्थित मुल्थान में बादल फटने की घटना सामने आई, जिससे बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। वहीं, कुल्लू के गांधीनगर में भूस्खलन के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।
583 सड़कें बंद, बिजली-पानी आपूर्ति प्रभावित
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 5 नेशनल हाईवे सहित 583 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। 2,263 विद्युत ट्रांसफार्मर ठप होने से कई इलाकों में बिजली गुल हो गई है, और 279 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
कौन-कौन से जिले सबसे ज्यादा प्रभावित?
- चंबा: 125 सड़कें बाधित।
- किन्नौर: 76 सड़कें बंद।
- कुल्लू: 31 सड़कें अवरुद्ध, रोहतांग पास (NH-03) और मनाली-जालोरी पास (NH-305) ठप।
- लाहौल-स्पीति: 82 सड़कें अवरुद्ध, शिंकुला और काजा में बर्फबारी से रास्ते बंद।
- मंडी: 41 सड़कें बाधित, NH-21 ठप।
- शिमला: 30 सड़कें अवरुद्ध।
- सिरमौर: 30 सड़कें प्रभावित।
- ऊना: 6 सड़कें बाधित।
पर्यटकों और स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ीं
रोहतांग पास, सोलांग नाला और जालोरी पास जैसे पर्यटन स्थलों पर रास्ते बंद होने से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन ने दी चेतावनी
प्रशासन ने खराब मौसम को देखते हुए लोगों से सावधानी बरतने और अनावश्यक यात्रा न करने की अपील की है। प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।