नई दिल्ली: रेलवे बोर्ड ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया कि अब सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा केंद्रीयकृत कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) के माध्यम से आयोजित की जाएंगी। साथ ही, सभी क्षेत्रीय रेलवे के लिए एक परीक्षा कैलेंडर तैयार किया जाएगा, जिसके अनुसार परीक्षाएं समयबद्ध तरीके से संपन्न होंगी। यह निर्णय आरआरबी द्वारा अब तक आयोजित की गई पारदर्शी, निष्पक्ष और विश्वसनीय परीक्षा प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। वर्ष 2015 से अब तक 7 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों की परीक्षाएं बिना किसी पेपर लीक, प्रतिरूपण, रिमोट लॉग-इन या जासूसी उपकरणों के उपयोग के सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं, जिससे रेलवे की परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता सिद्ध होती है।
आरआरबी द्वारा आयोजित परीक्षाओं की प्रक्रिया अत्यंत सुरक्षित और पारदर्शी होती है। परीक्षा केंद्रों का चयन खुली निविदा के माध्यम से किया जाता है और प्रत्येक केंद्र का कड़ा ऑडिट किया जाता है। परीक्षा हॉल में 100% सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित किया जाता है, जिसकी रिकॉर्डिंग परीक्षा शुरू होने से दो घंटे पहले और समाप्त होने के एक घंटे बाद तक की जाती है। परीक्षा केंद्रों में उच्च गुणवत्ता वाले आईपी आधारित कैमरों से निगरानी की जाती है, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा, प्रत्येक माउस और कीबोर्ड क्लिक को टाइम स्टैम्प के साथ रिकॉर्ड किया जाता है ताकि किसी भी अनियमितता को रोका जा सके।
परीक्षा सुरक्षा को और पुख्ता बनाने के लिए उम्मीदवारों के प्रवेश से पहले मेटल डिटेक्टर से जांच की जाती है और बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाता है। परीक्षा के दौरान और प्रत्येक बायो ब्रेक के बाद भी यह प्रक्रिया दोहराई जाती है। इसके अतिरिक्त, परीक्षा केंद्रों पर आधार आधारित प्रमाणीकरण किया जाता है और उम्मीदवारों की लिखावट के नमूने लिए जाते हैं, जिससे सॉल्वर गिरोहों की पहचान करने में मदद मिलती है। आरआरबी द्वारा अपनाई गई अत्याधुनिक तकनीक के कारण, किसी भी दो उम्मीदवारों को समान प्रश्न पत्र या उत्तरों का एक ही क्रम नहीं दिया जाता, जिससे पेपर लीक और नकल की संभावनाओं को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
रेलवे द्वारा परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तीन स्तरीय निरीक्षण प्रक्रिया लागू की गई है। इसमें पहली टीम ECA द्वारा निरीक्षण करती है, दूसरी टीम रेलवे अधिकारियों और पर्यवेक्षकों द्वारा निगरानी करती है और तीसरी टीम रेलवे सतर्कता टीम द्वारा आकस्मिक जांच करती है। इन सख्त नियमों के कारण परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले कई उम्मीदवारों की पहचान की जाती रही है और उन पर कार्रवाई भी की जाती है।
इसके अलावा, रेलवे ने फर्जी आवेदनों को रोकने के लिए एडमिट कार्ड में बारकोड और आवेदन पत्र में QR कोड जोड़ा है, जिससे उम्मीदवार की वास्तविकता की पुष्टि की जाती है। परीक्षा के बाद, उम्मीदवारों को उनके प्रश्न पत्र, उत्तर पुस्तिकाएँ और सही उत्तर कुंजियाँ देखने की सुविधा दी जाती है। यदि किसी उम्मीदवार को उत्तर कुंजी में कोई त्रुटि लगती है, तो उसे आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार भी दिया जाता है।
रेलवे बोर्ड द्वारा लिया गया यह निर्णय परीक्षा प्रणाली में और अधिक पारदर्शिता लाएगा और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा। अब रेलवे के सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं उसी विश्वसनीय प्रणाली के तहत होंगी, जिससे लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।