झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर जयराम महतो का तंज – माननीय निजी अस्पतालों में इलाज क्यों कराते हैं?

mirrormedia
3 Min Read

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 14वें दिन विभागीय अनुदान बजट पर चर्चा के दौरान स्वास्थ्य विभाग की स्थिति को लेकर तीखी बहस हुई। इस दौरान झारखंड लोक जन क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक टाइगर जयराम महतो ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था इतनी दुरुस्त है, तो राज्य के मंत्री और विधायक निजी अस्पतालों में इलाज क्यों कराते हैं?

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और राज्यसभा सांसद महुआ मांझी अपना इलाज निजी अस्पताल आर्किड में करा रहे हैं। इसके अलावा, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के परिजन भी इलाज के लिए राज्य से बाहर गए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब तक माननीय आम जनता की तरह सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं कराएंगे, तब तक स्वास्थ्य विभाग की सार्थकता पर सवाल उठते रहेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने दिया जवाब

विधानसभा में उठे इस सवाल पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने जवाब देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग को मिले बजट का असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा और झारखंड में मेडिको सिटी खोलने की भी योजना बनाई जा रही है। हालांकि, उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य अव्यवस्था के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।

स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष में भी असंतोष

इस चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक सुरेश बैठा ने भी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने डॉक्टरों और नर्सों की कमी को दूर करने की मांग की और स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग बंद करने की बात कही। उन्होंने कहा कि झारखंड में बाहरी राज्यों के लोग आकर नौकरियां ले रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को मौका नहीं मिल रहा। साथ ही, स्थानीय नीति पर पुनर्विचार करने की मांग भी उठाई।

किसानों के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा

विधानसभा में जयराम महतो ने किसानों के धान भुगतान में हो रही देरी को लेकर भी सवाल उठाए। इस पर विभागीय मंत्री के जवाब न देने पर खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चावल मिलों की संख्या बढ़ाने का काम किया जा रहा है, जिससे किसानों के धान का तेजी से उठाव हो सके और उन्हें समय पर भुगतान मिल सके।

बजट सत्र के दौरान स्वास्थ्य और कृषि जैसे अहम मुद्दों पर विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सरकार को घेरा, जिससे यह साफ है कि झारखंड की स्वास्थ्य और कृषि व्यवस्थाओं को लेकर सवाल बने हुए हैं।

TAGGED:
Share This Article
Follow:
Mirror media digital laboratory Pvt. Ltd. Established February 2019. It is a Social Website channel Releted to News From all over india and Abroad with Reflection of truth. Mirror media is Connecting the people 24x7 and show all news and Views