मिरर मीडिया : लगातार देश में कोरोना वायरस के ‘ओमीक्रॉन’ वेरिएंट के मामलों के बढ़ने के साथ चिंता भी बढ़ने लगी है। लिहाज़ा अब तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है। वहीं इस मामले में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने यह दावा किया है कि देश में कोविड-19 की तीसरी लहर की शुरुआत जनवरी 2022 में हो सकती है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और दूसरे देशों के आंकड़ों पर स्टडी करने के बाद कहा कि ओमीक्रॉन डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले दोगुनी गति से फैलता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी तक इसके पीक पर जाने की संभावना है और इस दौरान संक्रमण के रोजाना मामले डेढ़ लाख तक जा सकते हैं। इसलिए प्रतिबंध लगाकर केस की संख्या को कम किया जा सकता है। आपको बता दें कि WHO ने ओमीक्रॉन को ‘चिंताजनक वेरिएंट’ की श्रेणी में रखा है।
प्रोफेसर अग्रवाल ने दावा किया कि दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन वेरिएंट कुछ महीने पहले ही आ चुका था, लेकिन यह धीरे-धीरे फैल रहा था। उन्होंने बताया, “इसके पीछे का कारण यह था कि वहां 80 फीसदी से ज्यादा लोगों में कोविड के खिलाफ नेचुरल इम्युनिटी तैयार हो चुकी है। यानी ये लोग पहले ही कोविड-19 से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं।
ओमीक्रॉन वेरिएंट से दोबारा संक्रमण के खतरों को लेकर उन्होंने कहा, “अभी तक एक ही स्टडी आई है, जिसके मुताबिक पिछले तीन महीनों में दोबारा संक्रमण होने की दर 3 गुना बढ़ा है। हालांकि इसके आंकड़े भी बहुत कम हैं। दक्षिण अफ्रीका में संक्रमित होने वाले सिर्फ 1 फीसदी लोग ही दोबारा संक्रमित हुए. हमारी स्टडी के मुताबिक, ओमीक्रॉन नेचुरल इम्युनिटी को ज्यादा बाइपास कर रहा है, लेकिन इसका ज्यादा बुरा असर भी नहीं रहा है।
हालांकि भारत में ओमीक्रॉन वेरिएंट को फैलने से रोकने को लेकर प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि सख्त लॉकडाउन के बदले सावधानी बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “ज्यादा भीड़ वाले इलाकों में लॉकडाउन करें। सरकार को प्रतिबंध लगाने चाहिए और सख्त लॉकडाउन से बचना चाहिए।
गौरतलब है कि भारत में शनिवार को ओमीक्रॉन वेरिएंट के दो नए केस सामने आए हैं। जिसमें गुजरात के 72 वर्षीय व्यक्ति, जबकि महाराष्ट्र के 33 वर्षीय व्यक्ति के ओमीक्रॉन से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद अब तक देश में इस वेरिएंट के कुल 4 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इससे पहले, कर्नाटक में दो व्यक्ति वायरस के इस वेरिएंट से संक्रमित मिले थे।