धनबाद में एक बार फिर पत्रकारिता पर हमला हुआ है, जो न केवल एक व्यक्ति पर बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की आत्मा पर चोट है। घटना मंगलवार को उस समय घटी जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं का समूह नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था। प्रदर्शन के बाद जब सभी कार्यकर्ता रणधीर वर्मा चौक पर लौटे, तभी आपसी विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।

इसी दौरान दैनिक जागरण के फोटोग्राफर मोहम्मद शाहिद और अन्य पत्रकार घटना की कवरेज कर रहे थे। अचानक जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रशीद राजा अंसारी के बेटे और भाइयों ने मीडिया कर्मियों को निशाना बनाते हुए उन पर लाठी, डंडे और सरिया से हमला कर दिया। मोहम्मद शाहिद की नाक पर सरिया से वार किया गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका इलाज धनबाद सदर अस्पताल में चल रहा है। हमलावरों ने उनका कैमरा भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
मौके पर मौजूद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कैमरापर्सन संजय समेत कई पत्रकारों के मोबाइल फोन छीन लिए गए और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। इस हमले के बाद पत्रकारों में आक्रोश फैल गया और विरोध तेज होते ही हमलावर मौके से फरार हो गए।
घटना की जानकारी मिलते ही धनबाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पत्रकारों के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इस हमले के विरोध में धनबाद प्रेस क्लब की आपात बैठक अध्यक्ष संजीव झा की अध्यक्षता में आयोजित की गई है, जिसमें आंदोलन की रणनीति पर गंभीर विचार विमर्श किया जा रहा है। प्रेस क्लब ने स्पष्ट किया है कि इस हमले को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।
पत्रकारों पर यह हमला न केवल निंदनीय है बल्कि एक भयावह संकेत भी है कि सत्ता और संगठन के बीच मीडिया की स्वतंत्रता कितनी असुरक्षित होती जा रही है।