भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के लिए निर्धारित समय सीमा 26 अप्रैल की रात 12 बजे समाप्त हो गई। केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई नीति के तहत, जो पाकिस्तानी नागरिक अब तक भारत में रुके हुए हैं, उन्हें “ओवरस्टेइंग विदेशी नागरिक” माना जाएगा और उन पर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए 23 अप्रैल को पाकिस्तान के सैन्य सलाहकार को निष्कासित करने, सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी-वाघा सीमा चौकी को तत्काल बंद करने जैसे बड़े निर्णय लिए थे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि दक्षेस वीजा छूट योजना (SVES) के तहत अब पाकिस्तानियों को भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, भारत में पहले से मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया था।
वीजा नियमों में बदलाव:
- सार्क वीजा: 26 अप्रैल को समाप्त।
- मेडिकल वीजा: 29 अप्रैल तक मान्य।
- अन्य वीजा श्रेणियाँ: 27 अप्रैल से रद्द।
केंद्र सरकार ने यह भी घोषणा की कि 24 अप्रैल को सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं, और पाकिस्तान में रह रहे भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द भारत लौटने की सलाह दी गई है। अटारी में एकीकृत जांच चौकी को बंद कर दिया गया है, लेकिन जो भारतीय नागरिक वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान गए हैं, वे 1 मई से पहले वापस लौट सकते हैं।
सीमा पर अफरा-तफरी:
अटारी-वाघा सीमा पर पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी नागरिकों के लौटने का सिलसिला जारी रहा। वीजा सेवाएं भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई हैं, जिससे सीमा पर भीड़ देखी गई।
तनावपूर्ण हालात:
पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। भारत सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और देश की सुरक्षा सर्वोपरि है।
अब क्या?
पाकिस्तानी नागरिकों का निकास:
अल्टीमेटम के बाद, कई पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत छोड़कर वापस लौट चुके हैं। समाचारों के अनुसार, आगरा और वाराणसी जैसे शहरों से भी पाकिस्तानी नागरिकों को बॉर्डर भेजा गया।
कुछ पाकिस्तानी नागरिक, जैसे मोहम्मद जमील, ने अटारी बॉर्डर पर भावनात्मक बयान दिए, जिसमें उन्होंने हिंसा की निंदा की।
वीजा और राजनयिक कदम:
भारत ने SVES के तहत नए वीजा जारी करना बंद कर दिया है, और पाकिस्तानी राजनयिकों को भी जल्द देश छोड़ने को कहा गया है।
पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद करने और अटारी-वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट पर आवाजाही रोकने की खबरें भी सामने आई हैं।
सिंधु जल समझौता (Indus Waters Treaty) को भी निलंबित कर दिया गया है, जो दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।
खुफिया और सुरक्षा उपाय:
पहलगाम हमले के बाद, खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। वाराणसी जैसे शहरों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की निगरानी बढ़ा दी गई थी।
लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे कुछ पाकिस्तानी नागरिकों को भी वापस लौटने के निर्देश दिए गए।
वर्तमान स्थिति:
27 अप्रैल, 2025 तक, अधिकांश पाकिस्तानी नागरिक जो SVES या अन्य वीजा पर भारत में थे, वे देश छोड़ चुके हैं। हालांकि, कुछ मामलों में मेडिकल वीजा धारकों के लिए स्थिति स्पष्ट नहीं है, क्योंकि MEA ने मेडिकल वीजा पर विशेष टिप्पणी नहीं की।
भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव और बढ़ गया है, और दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य संबंधों में और गिरावट की संभावना है।