संवाददाता, बोकारो: बोकारो जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। 21 अप्रैल को लुगू पहाड़ी क्षेत्र में हुई मुठभेड़ के बाद भाग निकली नक्सली सुनीता मुर्मू उर्फ लीलमुनि मुर्मू ने सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया। बोकारो पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सुनीता ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का ऐलान किया।
कई दिनों तक जंगल में भटकती रही थी सुनीता
आत्मसमर्पण के बाद सुनीता ने बताया कि मुठभेड़ के बाद वह कई दिनों तक जंगलों में भटकती रही। इस दौरान उसने महसूस किया कि हिंसा का रास्ता छोड़कर अब उसे समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहिए।
सुनीता ने बोकारो के पुलिस अधीक्षक मनोज स्वर्गियारी, बेरमो अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी और सीआरपीएफ 26 बटालियन के अधिकारियों के समक्ष हथियार डालते हुए आत्मसमर्पण किया।

डाका बेड़ा अभियान में आठ नक्सली ढेर
गौरतलब है कि 21 अप्रैल को बोकारो जिले के लालपनिया थाना क्षेत्र अंतर्गत लुगू पहाड़ी इलाके में जिला पुलिस, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन ने ‘ऑपरेशन डाका बेड़ा’ के तहत बड़ा अभियान चलाया था। इस मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी माओवादी नेता विवेक उर्फ प्रयाग मांझी समेत आठ नक्सली मारे गए थे। मौके से भारी मात्रा में हथियार और अन्य सामग्री भी बरामद की गई थी।
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया था। इस दौरान एक घायल नक्सली को गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य फरार नक्सलियों की तलाश अब भी जारी है। पुलिस का कहना है कि नक्सल विरोधी कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक क्षेत्र पूरी तरह से नक्सल मुक्त नहीं हो जाता।
मुख्यधारा में लौटने वालों का खुले दिल से स्वागत: बोकारो पुलिस
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जो नक्सली हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उनका स्वागत किया जाएगा और सरकार की पुनर्वास योजना के तहत उन्हें नया जीवन शुरू करने का अवसर दिया जाएगा।