Mirror Knowledge Report : 24 घंटे आवाजाही को कोलकाता पोर्ट ने हुगली नदी पर रात्रि नौपरिवहन शुरू

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क, जमशेदपुर : श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह कोलकाता ने शनिवार को हुगली नदी पर रात्रि नौपरिवहन की सफल शुरुआत की घोषणा की। एक बयान में कहा गया कि इस पहल का उद्देश्य जहाजों के टर्नअराउंड समय और बर्थिंग से पहले रोके जाने को कम करना है, जिससे बजबज से समुद्र तक नदी चैनल के माध्यम से रात के समय जहाजों का निर्बाध आवाजाही संभव हो सकेगा। बंदरगाह ने इलेक्ट्रानिक चार्ट, ट्रैक लाइट और रौशनी वाले चैनल सहित आधुनिक इलेक्ट्रानिक सहायता और नौवहन संबंधी बुनियादी ढांचे का लाभ उठाया है।

बंदरगाहों, जलमार्गों और तटों के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी), आइआइटी मद्रास ने एंटवर्प बंदरगाह के सहयोग से रात्रि नौवहन के लिए एक व्यापक अध्ययन और रोडमैप तैयार किया। उद्घाटन रन में 8,000 मीट्रिक टन कार्गो ले जाने वाले कंटेनर पोत एमवी सिनार पेनिडा का सफल पारगमन देखा गया। इसकी शुरुआत से प्रतिदिन संभाले जाने वाले जहाजों की संख्या में वृद्धि होने, बर्थ उपलब्धता और बंदरगाह की प्रवाह क्षमता में सुधार होने की उम्मीद है। एसएमपीके के उपाध्यक्ष सम्राट राही ने कहा कि हम बड़े जहाजों के लिए रात्रि नौपरिवहन को सक्षम बनाने, एसएमपीके को अधिक चुस्त और भविष्य के लिए तैयार बंदरगाह में बदलने के लिए तत्पर हैं।

आपको जानना चाहिए

पूर्व में कोलकाता पोर्ट श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, जिसे पहले कोलकाता पोर्ट के नाम से जाना जाता था, भारत का सबसे पुराना और एकमात्र प्रमुख नदी बंदरगाह है। यह पश्चिम बंगाल के कोलकाता और हावड़ा में हुगली नदी के किनारे स्थित है। इसका नाम भारतीय राजनेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखा गया है।

महत्वपूर्ण जानकारियां

स्थापना : 1870 में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की स्थापना हुई।

स्थान: कोलकाता और हल्दिया (पश्चिम बंगाल) में दो प्रमुख डॉक सिस्टम।

प्रकार: नदी बंदरगाह (हुगली नदी पर), जो समुद्री बंदरगाहों से अलग है।

कार्य: यह मुख्य रूप से निर्यात-आयात, कार्गो हैंडलिंग, और जहाजरानी सेवाओं के लिए उपयोग होता है। कोलकाता डॉक सिस्टम (KDS) और हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स (HDC) इसके दो प्रमुख हिस्से हैं।

आर्थिक महत्व: यह पूर्वी भारत, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है।

हाल की स्थिति (2025 तक):
आधुनिकीकरण: सरकार ने बंदरगाह के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं।

क्षमता: हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स बड़े जहाजों को संभालने में सक्षम है, जबकि कोलकाता डॉक सिस्टम छोटे और मध्यम आकार के जहाजों के लिए उपयुक्त है।

पर्यावरणीय पहल: प्रदूषण नियंत्रण और हरित बंदरगाह पहल पर ध्यान दिया जा रहा है।

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