मिरर मीडिया : देश के सच्चे वीर सपूत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को तीनों सेनाओं के संयुक्त दस्ते ने 17 तोपों की सलामी देकर अपने चीफ को आखिरी विदाई दी गई। दिल्ली में ब्रार स्क्वायर स्थित श्मशान स्थल पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। आपको बता दें की देश की तीनों सेनाओं को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने वाले पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत पंचतत्व में विलीन हो गए। उनकी दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी रावत ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। माहौल बहुत भावुक बना हुआ है।
उनके अंतिम संस्कार में 800 सैन्यकर्मी मौजूद रहें। देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री सहित कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए नम आँखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत की दोनों बेटियों कृतिका व तारिणी रावत ने अपने माता-पिता को आखिरी श्रद्धांजलि दी। दोनों बहनों ने बरार स्कवायर में अंतिम संस्कार की जिम्मेदारियां निभाईं। दोनों बहनों ने अपनी मां के पार्थिव शरीर पर लाल रंग की साड़ी चढ़ाई। इस तरह की साड़ी सुहागन के रूप में मरने पर किसी दिवंगत महिला के शरीर पर चढ़ाई जाती है। देश के बहादुर जनरल को आखिरी विदाई के वक्त पूरा बरार स्कवायर भारत माता की जय और ‘जनरल रावत अमर रहें’ के नारों से गूंज रहा है।
आपको बता दें कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर सुबह ही उनके आवास पर पहुंच गया है। सुबह 11 बजे से साढ़े 12 बजे तक आम नागरिक सीडीएस को श्रद्धांजलि दी गई। जबकि साढ़े 12 बजे के बाद सेना के अधिकारी सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की।