भारत के मिसाइल अटैक में लश्कर का टॉप लीडरशिप ढेर, क्या मारा गया भारत का सबसे बड़ा दुश्मन मसूद अजहर

Neelam
By Neelam
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आधी रात को जब पूरा पाकिस्तान नींद में था, तब भारत की सेना पहलगाम हमले की इंतकाम के लिए कमर कस चुकी थी. अचानक से पीओके पर अफरा तफरी मच गई। पहलगाम हमले के 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। ये हमले मंगलवार रात डेढ़ बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बहावलपुर, मुरीदके, बाघ, कोटली और मुजफ्फराबाद में किए गए। ये वही ठिकाने हैं, जहां से भारत पर आतंकी हमलों की साजिश रची जा रही थी और उन्हें अंजाम दिया जा रहा था।

आतंकी शिविरों पर हमला

आधी रात को भारत ने पाकिस्तानी इलाकों में जब हमला किया था, तब आतंक के आकाओं में भगदड़ मच चुकी थी। पाकिस्तान की स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, बहावलपुर में एयर स्ट्राइक के बाद 100 से ज्यादा आतंकियों की मौत हुई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिजबुल मुजाहिदीन के 2 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर हमलों के इनपुट खुफिया एजेंसियों की ओर से मुहैया कराए गए थे। हमले भारतीय धरती से ही किए गए। हमलों में जैश और लश्कर के ठिकानों को निशाना बनाया गया।

सेना ने लोइटरिंग म्यूनिशंस का किया इस्तेमाल 

सूत्रों के मुताबिक, हमलों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की ओर से सटीक हमला करने वाली हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया। इसमें लोइटरिंग हथियार भी शामिल थे। ये ऐसे हथियार हैं, जो सटीक निशाना लगाने से पहले लक्ष्यों के आसपास मंडराते हैं। यूएवी की निगरानी क्षमताओं और मिसाइलों की घातक सटीकता को साथ लाने से यह हथियार दुश्मनों काल साबित होता है। पारंपरिक मिसाइलों के उलट यह सिर्फ पहले से तय किए गए लक्ष्य का पीछा नहीं करते, बल्कि, वे सही समय का इंतजार करते हैं, लक्ष्य के आसपास मंडराते हैं, ट्रैक करते हैं और फिर हमला करते हैं। ऐसे हथियार है, जो एक ही ऑपरेशन में खुफिया जानकारी भी इकट्ठा करते हैं और भारी तबाही मचाते हैं।

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