भारत ने UN में खोला पाकिस्तान और TRF का आतंकवादी चेहरा

KK Sagar
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। इस हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 टूरिस्टों की निर्मम हत्या की थी। इस जघन्य वारदात की जिम्मेदारी TRF (The Resistance Front) ने ली थी, जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक फ्रंटल इकाई है। भारत अब इस हमले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने के लिए पूरी तैयारी में है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए भारत ने नियंत्रण रेखा पार किए बिना ही पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाकर स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद अब कूटनीतिक मोर्चे पर भारत ने बड़ा कदम उठाया है।

भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 प्रतिबंध समिति की आगामी बैठक में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा ज़ोरशोर से उठाने जा रही है। यह समिति आतंकियों और उनके संगठनों पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने का एक अहम मंच है। भारत इसमें TRF की भूमिका को उजागर करते हुए विस्तृत सबूत पेश करेगा, जिनमें पहलगाम हमले के इलेक्ट्रॉनिक, तकनीकी और खुफिया इनपुट शामिल होंगे।

सूत्रों के अनुसार, भारत ने पहले भी कई बार पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करने की कोशिश की है, लेकिन चीन के वीटो के कारण प्रस्ताव अटकते रहे हैं। हाल ही में, पहलगाम हमले की निंदा करने वाले UNSC प्रस्ताव में से TRF का नाम हटवाने में भी चीन ने पाकिस्तान की मदद की, जबकि TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी दो बार ली थी।

भारत की रणनीति अब दोहरा वार करने की है:

  1. TRF को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करवाना।
  2. पाकिस्तान की भूमिका को उजागर कर उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करना।

इसके अलावा, भारत FATF (Financial Action Task Force) में पाकिस्तान को दोबारा ग्रे लिस्ट में शामिल करवाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस्लामाबाद को मिलने वाली वित्तीय सहायता को चुनौती देने की योजना पर भी काम कर रहा है।

यह व्यापक कूटनीतिक प्रयास भारत की आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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