जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है। 22 अप्रैल को हुए इस हमल के बाद 6 और 7 मई को भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर मिशन को अंजाम दिया गया। जिसके बाद पाकिस्तान बौखला गया था और हमले की नाकाम कोशिश कर रहा था। पाक ने भारत पर हमला करने के लिए ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया था लेकिन भारतीय डिफेंस सिस्टम ने तबाह कर दिया था। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 13 में से 11 एयरबेसों को निशाना बनाया था। हालांकि, बड़बोला पाकिस्तान ये मानने को तैयार नहीं था। अब जाकर पड़ोसी देश के शीर्ष नेतृत्व ने भी पहली बार सैन्य अड्डों को नुकसान की बात कबूल की है।

शबहाज ने कहा- पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के हमलों में मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों के लिए देश भर में धन्यवाद दिवस (यौम ए तशाकुर) का आयोजन किया गया। रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, इस्लामाबाद और प्रांतीय राजधानियों में यौम-ए-तशकूर को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए गए। सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए देश भर में रैलियां आयोजित की गईं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस मौके पर इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान भारत के साथ सैन्य टकराव का जिक्र करते हुए शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण देश है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कि वह बचाव में जवाब देने का अधिकार रखता है।
शहबाज ने मानी नुकसान की बात
इस मौके पर शहबाज ने कहा, सिपहसालार असीम मुनीर ने मुझे 9 और 10 मई की दरमियानी रात को करीब 2:30 बजे सिक्योर्ड लाइन पर फोन कर मुझे बताया, वजीर ए आजम साहब, हिंदुस्तान ने अपने बैलिस्टिक मिसाइल अभी लॉन्च किए हैं। इनमें से एक नूर खान एयरपोर्ट पर गिरा है और दूसरे कुछ दूसरे इलाकों में गिरे हैं। हमारी वायुसेना ने अपने देश को बचाने के लिए स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया और उन्होंने चीनी लड़ाकू विमानों पर आधुनिक गैजेट और तकनीक का भी इस्तेमाल किया।
धीरे-धीरे लाइन पर आ रहा पाक
भारतीय कार्रवाई के बाद लगातार पाकिस्तान यह दावा करता रहा है कि भारत के हमले में उसका खास नुकसान नहीं हुआ है। यहां तक कि वह अपने वायुसेना अड्डों को भी किसी तरह के नुकसान से इन्कार करता रहा है। पाकिस्तान अब धीरे-धीरे भारत के हाथों हुए नुकसान को लोगों के सामने कबूल कर रहा है।
फिर छेड़ा कश्मीर राग
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत के साथ वार्ता की गुहार लगाई है। हालांकि यह भी जोड़ा कि कश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दों पर बात होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, इससे सबक यह मिलता है क शांतिप्रिय पड़ोसियों की तरह हम जम्मू-कश्मीर समेत अपने लंबित मुद्दे सुलझाएं। इन मुद्दों को सुलझाए बगैर दुनिया के इस हिस्से में शांति नहीं आएगी। यदि शांति स्थापित होगी तो आतंकवाद से लड़ने में हम भी पूरा सहयोग दे सकते हैं।