निशिकांत दुबे का तीखा हमला: “कांग्रेस का मोदी विरोध, कहीं देशविरोध में न बदल जाए”

KK Sagar
3 Min Read

गोड्डा (झारखंड), 7 जून 2025 — पाकिस्तान के खिलाफ सख़्त रुख अपनाने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक पोस्ट में दुबे ने कांग्रेस के रुख को “पाकिस्तान परस्त” बताया और देशहित से ऊपर राजनीति करने का आरोप लगाया।

Oplus_16908288

“कांग्रेस का शिगूफ़ा, देश की एकता में बाधा”

निशिकांत दुबे ने दावा किया कि:

  1. 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के बाद जब अंतरराष्ट्रीय संस्थानों जैसे IMF, विश्व बैंक और ADB में पाकिस्तान के लोन प्रस्ताव लाए गए, तब भारत सरकार ने वोटिंग प्रणाली के तहत वॉकआउट किया था।
  2. बावजूद इसके, इन संस्थानों ने पाकिस्तान को बड़ी मात्रा में वित्तीय सहायता दी — जिसमें आतंकवाद को पनपने में मदद मिली।
  3. 1965 से अब तक पाकिस्तान को अमेरिका, चीन और सऊदी अरब जैसे देशों से करीब 100 अरब डॉलर की आर्थिक और सैन्य मदद मिली है।
  4. इसी अवधि में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने भी पाकिस्तान को करीब 150 अरब डॉलर की सहायता दी।

दुबे ने इन आँकड़ों के साथ एक चार्ट भी साझा किया है जिसमें पाकिस्तान को मिली आर्थिक मदद का ब्यौरा है। उनका आरोप है कि यह मदद आतंकवाद के पोषण में सहायक रही है, और कांग्रेस पार्टी इस खतरे की अनदेखी कर केवल मोदी विरोध में लगी है।

“सेना के साथ खड़े होने का समय”

दुबे ने लिखा, “काश कांग्रेस पार्टी मोदी विरोध को देश विरोध नहीं बनाती? यह समय पाकिस्तान के खिलाफ मोदी जी के साथ एकजुट होकर सेना का हौसला बढ़ाने का है। कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान में है वह हमारा होगा, यदि कांग्रेस अपनी पाकिस्तान परस्त भाषा बंद करे।”

उनके इस बयान से सियासी हलकों में हलचल मच गई है, जहां बीजेपी इसे राष्ट्रवाद के समर्थन की आवाज़ बता रही है, वहीं कांग्रेस अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दे पाई है।

राजनीति या राष्ट्रवाद?

विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान ऐसे समय आया है जब सीमा पर तनाव बना हुआ है और सरकार कश्मीर मुद्दे पर नए सिरे से दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। ऐसे में विपक्ष की किसी भी टिप्पणी को ‘राष्ट्रविरोध’ के रूप में पेश करना बीजेपी की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

Share This Article
उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....