पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण पर सवाल उठाया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने चुनाव आयोग पर इसको लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। चुनाव आयोग के अभियान की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विपक्षी इंडी गठबंधन की पार्टियां इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह उठाएंगी।

एनआरसी लागू करने की खतरनाक साज़िश’
दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रायन कहा कि बिहार से शुरू होकर पश्चिम बंगाल में लागू होने जा रही ‘स्पेशल इंटेंसिव रिविजन ऑफ इलेक्टोरल रोल’ की प्रक्रिया संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है। टीएमसी सांसद ने इसे ‘पीछे के दरवाज़े से एनआरसी लागू करने की खतरनाक साज़िश’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कवायद संदिग्ध समय पर शुरू की गई है।
चुनावी गणित बदलने की कोशिश का आरोप
डेरेक ओ’ब्रायन ने सवाल उठाया, अब अचानक इस प्रक्रिया की क्या जरूरत पड़ गई? उन्होंने दावा किया, हमारे पास सबूत हैं कि यह कवायद क्यों की जा रही है। बीजेपी के आंतरिक सर्वे में उन्हें बंगाल में केवल 46-49 सीटें मिलती दिख रही हैं, और इसी हताशा में वे चुनावी गणित बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले सोमवार को बिहार में इस विशेष गहन समीक्षा की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे, जिसका मकसद अपात्र नामों को हटाना और पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना बताया गया है। यह कवायद बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हो रही है। बिहार में पिछली बार इस तरह की समीक्षा 2003 में हुई थी।