बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही शेष रह गए हैं। ऐसे में अब चुनावी तैयारियों के बीच सियासी बयानबाजी और दल-बदल का भी खेल शुरू हो चुका है। चुनाव से पहले नीतीश कुमार के जदयू को बड़ा झटका लगा है।सीएम नीतीश के 26 सालों के साथी जो समता पार्टी के समय से उनके साथ थे उन्होंने साथ छोड़ दिया है। जदयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव धर्मेंद्र चौहान पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वह जनसुराज पार्टी में शामिल हो चुकी हैं।

पीके ने दिलाई जन सुराज की सदस्यता
प्रशांत किशोर ने शनिवार को एकंगरसराय के सुखदेव अकादमी मैदान में उन्हें जन सुराज की सदस्यता दिलाई। पीके ने कहा कि कहा कि वह पिछले तीन वर्षों से गांव-गांव घूम रहे हैं और आज भी बिहार में बच्चों के पास पहनने को कपड़े और पैरों में चप्पल नहीं है। उन्होंने डबल इंजन सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नेताओं को जनता के बच्चों की कोई चिंता नहीं है, इसलिए अब लोगों को खुद जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि इस बार वोट लालू, नीतीश या मोदी के नाम पर नहीं, अपने बच्चों के भविष्य के लिए दीजिए।
26 साल से थे नीतीश कुमार के साथ
धर्मेंद्र चौहान पिछले 26 साल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ रहे। उनकी पार्टी से जुड़े रहे। वह समता पार्टी के समय में ही सीएम नीतीश कुमार के साथ आए थे। इसके बाद जदयू बनी तो भी रहे। उन्होंने पार्टी के संगठनात्मक कार्यों और चुनावी रणनीतियों में अहम भूमिका निभाई है।
नीतीश के लिए बड़ा झटका
चौहान इस्लामपुर विधानसभा के कस्तूरी बिगहा गांव के निवासी हैं और नोनिया-बिंद-बेलदार समाज से आते हैं। वे इस समाज के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और वर्षों से बिहार राज्य नोनिया-बिंद-बेलदार महासंघ के संयोजक के रूप में समाज को संगठित करने में लगे रहे हैं।