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ओमिक्रॉन वेरियंट का एक सबवेरिएंट EG.5, COVID-19– को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया वैश्विक चिंता का संकेत

मिरर मीडिया : कोरोना महामारी का इक दौर गुजर गया लोग इसे एक बुरे सपने की तरह भूल रहें है। हालांकि ये सपना नहीं बल्कि हकीकत है और समय समय पर कोरोना वायरस अपना स्वरुप बदल कर अपने होने का एहसास दिलाता रहता है। आपको बता दें कि एक बार फिर कोरोना वायरस अपनी बदलते म्यूटेशन्स एरिस सबवेरिएंट के कारण फिर डरा रहा है।

हालिया म्यूटेशन्स के चलते नए मामले दिख रहे हैं। भारत में एरिस सबवेरिएंट का पहला मरीज इस साल मई में पाया गया था। हालांकि पिछले दो महीनों में इसके संक्रमितों की संख्या कोई चिंताजनक इजाफा नहीं हुआ है।

ईजी.5.1 वेरिएंट में अन्य स्ट्रेन की तुलना में 20.5% की बढ़त देखी गई है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक चिंता का संकेत देते हुए पहले ही ईजी.5.1 को मॉनिटर किए गए वेरिएंट की सूची में जोड़ दिया है।

यूरोप में कोविड 19 से उपजे ईजी.5 के बढ़ते मामले देखे जा रहे हैं, जिसके बारे में इस साल की शुरुआत में पता चला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल के हफ्तों में इसे ऐसे वेरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है, जिस पर नज़र रखने की ज़रूरत है (वैरियंट ऑफ इंट्रेस्ट), क्योंकि दुनिया भर में इससे संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।

EG.5, COVID-19– वायरस के ओमिक्रॉन से उत्पन्न वेरियंट एक सबवेरिएंट का गठन करता है और दुनिया भर में फैले अन्य वेरिएंट के साथ इसके नज़दीकी अनुवांशिक संबंध पाए गए हैं।


एरिस वेरिएंट जिसे पहली बार जुलाई 2023 में पहचाना गया था, अब यूके में दूसरा सबसे ज़्यादा फैलने वाला स्ट्रेन बन गया है। एरिस को यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में भी फैलते देखा गया और जापान में तो इसके चलते कोविड संक्रमण की ‘नौवीं लहर’ आने की चिंता जताई गई है।

एक रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रिटेन में पिछले सप्ताह सांस संबंधी बीमारियों वाले लोगों पर किए गए परीक्षण में से लगभग 5.4% लोग कोविड-19 पॉज़िटिव निकले, जो कि पिछले सप्ताह दर्ज किए गए 3.7% से कहीं ज़्यादा है।

Uday Kumar Pandey
Uday Kumar Pandeyhttps://mirrormedia.co.in
मैं उदय कुमार पाण्डेय, मिरर मीडिया के न्यूज डेस्क पर कार्यरत हूँ।

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