डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक 33 वर्षीय युवक की मौत ने हड़कंप मचा दिया है। मृतक नागेश वीरन्ना अपने भाई के जलाहल्ली स्थित घर पर मृत पाया गया। पुलिस ने भाई की शिकायत पर अप्राकृतिक मौत का मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है।
क्लीनिकल ट्रायल को बताया मौत का कारण
मृतक के भाई रेवन्ना सिद्दप्पा ने आरोप लगाया है कि नागेश की मौत एक आरएंडडी कंपनी द्वारा कराए गए क्लीनिकल ट्रायल के कारण हुई है। सिद्दप्पा का कहना है कि परीक्षण के दौरान दी गई दवाओं और इंजेक्शनों के दुष्प्रभाव से नागेश की तबीयत बिगड़ी थी।
पिछले साल दिसंबर से बिगड़ी थी हालत
शिकायत के अनुसार, दिसंबर 2024 में नागेश को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बाद एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसी दौरान आरएंडडी कंपनी ने उनसे संपर्क कर क्लीनिकल ट्रायल के तहत दवाएं और इंजेक्शन देने की पेशकश की थी।
सोने के बाद नहीं उठा नागेश
भाई ने बताया कि 21 जनवरी की रात दोनों ने साथ में खाना खाया और सोने चले गए। लेकिन सुबह जब सिद्दप्पा ने नागेश को जगाने की कोशिश की, तो वह नहीं उठा। सिद्दप्पा ने तुरंत आरएंडडी कंपनी के डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर ने नागेश को उसी अस्पताल में ले जाने को कहा, जहां पहले उसका इलाज हुआ था। हालांकि, अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
जलाहल्ली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 174(3) के तहत अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और क्लीनिकल ट्रायल से जुड़े पहलुओं को गंभीरता से खंगाला जा रहा है।
भाई का दावा, नागेश पूरी तरह था स्वस्थ
सिद्दप्पा ने पुलिस को बताया कि क्लीनिकल ट्रायल में भाग लेने से पहले नागेश पूरी तरह स्वस्थ था। उसकी किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या नहीं थी। अब यह देखना होगा कि पुलिस की जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और क्या वाकई क्लीनिकल ट्रायल नागेश की मौत का कारण है।