बाल विवाह के लिए सहयोग करना या मध्यस्था करना कानूनी अपराध :  2 साल की कैद और एक लाख रुपए का जुर्माना – उपायुक्त

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बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए एनजीओ को निभानी चाहिए सहभागिता – मथुरा प्रसाद महतो

लोग बाल विवाह को स्वतः रोके यही कार्यशाला का उद्देश्य – उपायुक्त

मिरर मीडिया : समाज में बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए विभिन्न एनजीओ को अपनी सहभागिता निभानी चाहिए और समाज सुधार में आगे आना चाहिए। बाल विवाह जैसी कुप्रथा तभी रुकेगी जब जनप्रतिनिधि, आम लोग, एनजीओ मिलकर साझा प्रयास करेंगे। इससे समाज को नई दिशा मिलेगी और बाल विवाह जैसी कुप्रथा शून्य हो जाएगी।

यह बातें विधायक टुंडी मथुरा प्रसाद महतो ने शनिवार को जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रति जागरूकता लाने के लिए न्यू टाउन हॉल में आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला में कही।

उन्होंने कहा कि जिले में सैंकड़ों एनजीओ सक्रिय है। उन्हें सामूहिक विवाह जैसे आयोजन में आगे आना चाहिए। साथ ही बताया कि राज्य सरकार द्वारा सामूहिक विवाह, अज्ञात शव का दाह संस्कार जैसे विभिन्न कार्यों के लिए सहायता प्रदान की जाती है। समाज में व्याप्त कुरीतियों को रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। सरकार ने पठन-पाठन की दिशा में व्यापक प्रगति की है।

इस मौके पर उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा कि लोग स्वतः बाल विवाह को रोके यही इस कार्यशाला का उद्देश्य है। जनप्रतिनिधि, विभिन्न एनजीओ समाज के साथ नजदीकी से जुड़े हैं। उन्हें लोगों को जागरूक कर बताना चाहिए कि बाल विवाह से बच्ची का जीवन खतरे में पड़ जाता है। वह उचित शिक्षा से वंचित रह जाती है। मानसिक और बौद्धिक विकास रूक जाता है। घरेलू हिंसा व शोषण की शिकार हो जाती है। कम उम्र में विवाह होने से कुपोषित एवं कम वजन के बच्चे जन्म लेते हैं।

कुप्रथा, अशिक्षा, सामाजिक दायित्व से जल्द मुक्त होने की इच्छा, लड़कियों को आर्थिक बोझ समझना, गरीबी, घटता लिंगानुपात बाल विवाह का कारण है।

उन्होंने कहा बाल विवाह करना, बाल विवाह के लिए सहयोग करना या मध्यस्था करना कानूनी अपराध है। इसमें 2 साल की कैद और एक लाख रुपए का जुर्माना है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि ऐसे मामले संज्ञान में आने पर बाल विवाह में सहयोग या मध्यस्था प्रदान करने वालों पर अनिवार्य रूप से कार्रवाई करें।

कार्यशाला में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप ने बाल विवाह के दुष्परिणाम, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत कानून एवं दंड का प्रावधान सहित अन्य विषयों पर प्रकाश डाला।

साथ ही कहा कि बाल विवाह की सूचना बाल विवाह निषेध पदाधिकारी, जो हर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी हैं, को दे सकते हैं। इसके अलावा 100 नंबर पर डायल कर या चाइल्ड लाइन के 1098 पर कॉल कर सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी या कर्मचारी को भी सूचना दे सकते हैं।

कार्यशाला का शुभारंभ माननीय विधायक टुंडी मथुरा प्रसाद महतो, जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह, उपायुक्त संदीप सिंह, उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।

पोषण अभियान 2022 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए बाघमारा एवं निरसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यशाला में विधायक टुंडी मथुरा प्रसाद महतो, जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह, उपायुक्त संदीप सिंह, उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह, अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप, सांसद धनबाद के प्रतिनिधि अजय कुमार तिवारी, विधायक झरिया के प्रतिनिधि केडी पांडेय, विधायक सिंदरी के प्रतिनिधि कुमार महतो, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर ऑर्डर अरविंद कुमार बिन्हा, डीएसपी मुख्यालय एक अमर कुमार पांडेय, एसडीपीओ बाघमारा, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी सहित विभिन्न पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी उपस्थित थे।

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