बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने लो-प्रेशर सिस्टम ने मौसम की दिशा बदल दी है। मानसून की वापसी पर फिलहाल ब्रेक लग गया है और कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
तेज हवाओं का कहर
बंगाल की खाड़ी में बना लो-प्रेशर अब डिप्रेशन में बदल चुका है। तटीय इलाकों में 65 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। आज (3 अक्टूबर) सुबह यह सिस्टम दक्षिण ओडिशा और उत्तर आंध्रप्रदेश के तट से टकरा गया, जिससे बारिश की तीव्रता और बढ़ गई है।
बिहार-झारखंड में अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार डिप्रेशन का असर ओडिशा से छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार तक पहुंचेगा। खासकर पूर्वी बिहार में अगले 48 घंटे तक मूसलाधार बारिश की संभावना है। इन इलाकों में बारिश का रौद्र रूप देखने को मिल सकता है।
गुजरात-महाराष्ट्र पर भी असर
अरब सागर में बने डिप्रेशन की वजह से गुजरात और महाराष्ट्र में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचेगा, जहां हल्की बारिश हो सकती है।
ओडिशा में रेड अलर्ट
ओडिशा में गुरुवार से ही मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने पुरी, गंजम, गजपति, रायगढ़, कोरापुट, कालाहांडी और कंधमाल जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यहां 20 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश होने की आशंका है। इसके अलावा 16 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और सात जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
सावधानी की अपील
मौसम विभाग ने तटीय और नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र में न जाने और आम लोगों को घरों से बाहर निकलते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है।

