अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत: एलजी मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को दिखाई हरी झंडी

KK Sagar
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अमरनाथ यात्रा 2025 का विधिवत शुभारंभ 2 जुलाई को हो गया, जब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने जम्मू स्थित भगवती नगर यात्री निवास से श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को पवित्र गुफा की ओर रवाना किया। यह यात्रा धार्मिक आस्था, प्रशासनिक तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था के शानदार समन्वय की मिसाल बन रही है।


पहला जत्था रवाना: भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम

पहले जत्थे में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भगवती नगर से रवाना हुए श्रद्धालु “बम बम भोले” और “हर हर महादेव” के जयकारों के साथ धार्मिक उत्साह से भरपूर नजर आए। यात्रियों में साधु-संतों की भागीदारी ने वातावरण को और पावन बना दिया।
श्रद्धालु दो पारंपरिक मार्गों — नुनवान (पहलगाम) और बालटाल — के माध्यम से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हुए। नुनवान-पहलगाम मार्ग लगभग 48 किलोमीटर लंबा है, जबकि बालटाल मार्ग अपेक्षाकृत छोटा, केवल 14 किलोमीटर है, लेकिन अधिक दुर्गम है।


सुरक्षा और व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्रा शुरू होने से पहले उच्चस्तरीय बैठक में सभी व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की। इसमें सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, ट्रैफिक नियंत्रण, स्वच्छता, पंजीकरण प्रक्रिया, आरएफआईडी ट्रैकिंग, और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया।
पूरे मार्ग पर तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। CRPF, जम्मू-कश्मीर पुलिस, ITBP और अन्य बलों की संयुक्त तैनाती की गई है। साथ ही CCTV कैमरे, ड्रोन निगरानी और मोबाइल कंट्रोल रूम के ज़रिए हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।


श्रद्धालुओं की संख्या और पंजीकरण स्थिति

इस वर्ष अब तक 3.31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। बीते वर्षों की तुलना में यह संख्या थोड़ी कम है, लेकिन प्रशासन का मानना है कि ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन के ज़रिए यह आंकड़ा जल्द ही बढ़ेगा।
जम्मू में कई स्थानों पर ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन सेंटर खोले गए हैं, जहां पहले ही 4,000 से अधिक RFID टोकन जारी किए जा चुके हैं।


ट्रैफिक प्रबंधन और यात्री सुविधा

यात्रियों की सुरक्षा और समयबद्ध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने ट्रैफिक प्रबंधन को प्राथमिकता दी है। हर दिन के लिए अलग ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की जा रही है। श्रद्धालुओं के वाहन काफिले में सुरक्षा घेरे के साथ आगे बढ़ते हैं और हर पड़ाव पर मेडिकल सहायता, जलपान और विश्राम की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
कट-ऑफ टाइमिंग्स तय की गई हैं ताकि श्रद्धालु दिन के उजाले में यात्रा कर सकें और किसी भी आपात स्थिति से बचा जा सके।


बेस कैंप की सुविधाएं और स्वच्छता उपाय

भगवती नगर बेस कैंप को पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। यहां 141 लॉजमेंट सेंटर, 52 लंगर, 60 RFID सेंटर, और मेडिकल सहायता केंद्र बनाए गए हैं।
स्वच्छता को लेकर विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। पूरे परिसर में बायो-टॉयलेट्स, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, और जल आपूर्ति नियंत्रण की सख्त व्यवस्था है। नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और श्राइन बोर्ड की टीमें 24×7 निगरानी में लगी हुई हैं।


डिजिटल निगरानी और यात्रा अनुभव

पूरे यात्रा मार्ग और बेस कैंप में डिजिटल निगरानी सिस्टम और लाइव ट्रैकिंग की व्यवस्था की गई है। RFID कार्ड्स के ज़रिए हर यात्री की गतिविधि रिकॉर्ड की जा रही है।
यात्रियों को मौसम, ट्रैफिक और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी SMS, रेडियो और LED डिस्प्ले के माध्यम से समय-समय पर दी जा रही है, जिससे उन्हें परेशानी न हो।

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