अयोध्या में दीपोत्सव का अद्भुत आयोजन : राम की नगरी में 25 लाख दीपों से बिखरी रौशनी, सरयू तट पर महाआरती, दो विश्व रिकॉर्ड बने

KK Sagar
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अयोध्या में इस बार का दीपोत्सव पूरे देश के लिए गर्व का विषय बन गया। आठवें दीपोत्सव पर 25 लाख से अधिक दीये जलाकर और 1,121 वेदाचार्यों द्वारा एक साथ आरती कराए जाने पर अयोध्या ने दो-दो नए विश्व रिकॉर्ड बनाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में हुए इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर से श्रीराम नगरी अयोध्या को रौशनी और अध्यात्म के आलौकिक अनुभव से भर दिया। इस दीपोत्सव के माध्यम से भगवान राम की नगरी को एक बार फिर दिव्य और भव्य रूप में प्रस्तुत किया गया।

दीपोत्सव का भव्य आयोजन और नए रिकॉर्ड्स की स्थापना

इस वर्ष दीपोत्सव में विशेष रूप से अयोध्या की पवित्र सरयू नदी के तट पर 25 लाख 12 हजार 585 दीयों को प्रज्वलित किया गया, जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड बना। साथ ही, सरयू आरती में 1,121 वेदाचार्यों ने एक साथ आरती कर दूसरा विश्व रिकॉर्ड भी स्थापित किया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारियों ने इसे प्रमाणित किया और इस भव्य आयोजन को वैश्विक स्तर पर मान्यता दी। इस आयोजन के मुख्य अतिथियों में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य शामिल थे।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला दीपोत्सव

इस दीपोत्सव की विशेषता यह थी कि यह आयोजन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार हुआ। इसी साल 22 जनवरी को रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव था, जिसमें भगवान राम का आगमन मानते हुए पूरी अयोध्या को दिव्यता में नहलाया गया। राम की पैड़ी, चौधरी चरण सिंह घाट और भजन संध्या स्थल पर लाखों दीप जलाए गए। 55 घाटों पर एक साथ प्रज्ज्वलित हुए दीपों का दृश्य ऐसा था कि पूरा वातावरण अलौकिकता से भर गया।

सरयू आरती और सामूहिक प्रार्थना का दृश्य

दीपोत्सव के इस आयोजन में सरयू तट पर 1,121 वेदाचार्यों ने एक समान परिधान में सरयू मैया की आरती की। इस आरती का दृश्य अत्यंत भव्य और अनुशासित था। वेदाचार्यों के समूह द्वारा एक सुर में की जा रही आरती ने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिकता से भर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद आरती का नेतृत्व करते हुए सरयू मैया की पूजा-अर्चना की, जिसमें वेदमंत्रों की ध्वनि और दीपों की रौशनी से एक पवित्र और दैवीय वातावरण का सृजन हुआ। इस आयोजन ने योगी सरकार की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रोत्साहित करने की नीतियों का भी प्रदर्शन किया।

लाखों दीपों की रौशनी में चमकती अयोध्या

दीपोत्सव के दौरान अयोध्या शहर एक अद्भुत नजारा प्रस्तुत कर रहा था। 25 लाख से अधिक दीयों से प्रज्ज्वलित घाटों और मंदिरों की रौशनी में सरयू नदी का तट स्वर्गीय प्रतीत हो रहा था। 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा शुरू किया गया यह दीपोत्सव हर साल नए रिकॉर्ड बना रहा है। पहले वर्ष में जहां 1.71 लाख दीप जलाए गए थे, वहीं 2023 में यह संख्या 22.23 लाख तक पहुंच गई थी, और इस बार यह आंकड़ा 25 लाख से भी अधिक हो गया। इस आयोजन में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने विशेष योगदान दिया।

2017 में अयोध्या में 1.71 लाख, 2018 में 3.01 लाख, 2019 में 4.04 लाख, 2020 में 6.06 लाख व 2021 में 9.41 लाख, 2022 में 15.76 लाख, 2023में 22.23 लाख दीप प्रज्ज्वलित कर रिकॉर्ड बना। इस बार 25.12 लाख से अधिक दीप प्रज्जवलित किया गया। योगी सरकार में हर वर्ष बढ़ते दीपों के साथ प्रदेश व देश की समृद्धि बढ़ती गई।

राम कथा के प्रसंगों का प्रदर्शन और सांस्कृतिक कार्यक्रम

दीपोत्सव के दौरान भगवान राम के जीवन पर आधारित झांकियां भी निकाली गईं, जिन्होंने रामकथा के प्रमुख प्रसंगों को चित्रित किया। रामलीला में विभिन्न कलाकारों ने नृत्य, गायन और अभिनय के माध्यम से भगवान राम की महिमा का प्रदर्शन किया, जिसने लोगों के दिलों को छू लिया। इसके अतिरिक्त, भजन संध्या स्थल पर धार्मिक गीतों और भजनों का आयोजन हुआ, जिसमें कलाकारों ने भावपूर्ण प्रस्तुतियां दीं। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में अयोध्या के अलावा अन्य राज्यों से भी लोग बड़ी संख्या में पहुंचे।

दीपोत्सव के माध्यम से अयोध्या की बढ़ती प्रतिष्ठा

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या का दीपोत्सव न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश और विश्व में एक महत्वपूर्ण आयोजन बन चुका है। इस तरह के धार्मिक आयोजन, जहां अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं, वहीं पर्यटन और राज्य की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाते हैं। दीपोत्सव के दौरान बढ़ते दीपों की संख्या को राज्य की समृद्धि और स्थिरता का प्रतीक माना जा रहा है।

योगी आदित्यनाथ की पहल और धार्मिकता का संरक्षण

दीपोत्सव का आयोजन 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आरंभ हुआ, जो हर साल भव्यता में वृद्धि करता जा रहा है। अयोध्या से योगी आदित्यनाथ के व्यक्तिगत और आध्यात्मिक संबंधों के चलते दीपोत्सव ने प्रदेश और देश के सांस्कृतिक पटल पर विशेष पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री के पहले और दूसरे कार्यकाल में यह आयोजन विशाल और दिव्य बना रहा, जो जनता में उनकी छवि को सुदृढ़ करता है।

अयोध्या का यह दीपोत्सव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का भी माध्यम बन गया है। अयोध्या में हर साल बढ़ते दीपों के साथ प्रदेश और देश की समृद्धि और उन्नति का संदेश दिया गया है।

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