मिरर मीडिया : कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी खोज की सफलता को अंजाम दिया है। दरअसल तीन मृत किडनी डोनर के ब्लड के टाइप को सफलतापूर्वक बदल दिया है। इसी के साथ ये क्रांतिकारी खोज किडनी ट्रांसप्लांट का इंतजार कराने वालों के लिए एक बड़ी राहत देने वाली खबर है।
सूत्रों कि माने तो इस खोज से ट्रांसप्लांट के लिए किडनी की सप्लाई में तेजी आ सकती है. खासकर ऐसे लोगों के लिए, जो खास जातीय समूह के होते हैं, जिनका किडनी के मैच की संभावना काफी कम होती है। बता दें कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दो व्यक्तियों की किडनी मैच होना बेहद जरूरी है। जैसे ब्लड ग्रुप ए वाले किसी व्यक्ति की किडनी को ब्लड ग्रुप बी वाले किसी व्यक्ति को ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता है और न ही इसका विपरीत। लेकिन ब्लड ग्रुप को यूनिवर्सल O में बदलने से अधिक ट्रांसप्लांट हो सकेंगे, क्योंकि इसका इस्तेमाल किसी भी ब्लड ग्रुप वाले लोगों के लिए किया जा सकता है।
कैंब्रिज ऑफ यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एंजाइम ने ब्लड टाइप के मार्करों को हटाने के लिए एक कैंची की तरह काम किया, जो किडनी की ब्लड वेसेल्स को रेखांकित करता है, जिसके परिणामस्वरूप अंग सबसे सामान्य ओ ब्लड ग्रुप में बदल जाता है।
शोध में संलिप्त छात्रा के अनुसार बी-टाइप ह्यूमन किडनी लेकर और उनकी नॉर्मोथर्मिक परफ्यूजन मशीन का इस्तेमाल कर अंग के माध्यम से एंजाइम को पंप करके, उन्होंने कुछ ही घंटों में देखा कि बी-टाइप किडनी को ओ टाइप में बदल दिया था। यह सोचना बहुत रोमांचक है कि यह डिस्कवरी कितनी सारी जानें बचा सकती है।