संवाददाता, मिरर मीडिया: कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को जवाहर नगर क्षेत्र में रह रही एक कोचिंग छात्रा ने अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। मृतका का नाम अफसा शेख था, जो गुजरात के अहमदाबाद की निवासी थी। अफसा छह महीने पहले कोटा आई थी और नीट की तैयारी कर रही थी।
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और मोर्चरी में रखवा दिया। पुलिस ने मृतका के परिवार को घटना की जानकारी दे दी है। आत्महत्या के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, और मामले की जांच जारी है।
जनवरी में 22 दिनों में 5 सुसाइड के मामले
कोटा में पढ़ाई के लिए आए छात्रों पर मानसिक दबाव का असर साफ दिखाई दे रहा है। 2025 के जनवरी महीने में अब तक 5 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। यह आंकड़ा न केवल प्रशासन के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है।
पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई कि जिस कमरे में अफसा ने फांसी लगाई, वहां पंखे पर सुरक्षा उपकरण नहीं था। प्रशासन ने पहले ऐसे उपकरण लगवाने के आदेश दिए थे, लेकिन कई जगहों पर इसे लागू नहीं किया गया है।
मानसिक तनाव से जूझते छात्र
कोटा, जो कभी छात्रों के लिए उनके सपनों को साकार करने की जगह थी, अब मानसिक तनाव का केंद्र बनता जा रहा है। लगातार बढ़ते सुसाइड के मामलों ने कोचिंग संस्थानों और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और उन्हें तनाव मुक्त माहौल देने की आवश्यकता है।
यह घटनाएं कोचिंग हब के तौर पर मशहूर कोटा की छवि को धूमिल कर रही हैं। अब समय है कि प्रशासन, संस्थान और अभिभावक मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें।