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भारत विरोधी जगमीत सिंह का ‘गेम ओवर’, कनाडा चुनाव में खालिस्तानियों को बड़ा झटका

कनाडा आम चुनाव में खालिस्तानियों को बहुत बड़ा झटका लगा है। जनता ने खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह को आइना दिखा दिया है। चुनाव में उनकी न्यू डेमोक्रेट्स पार्टी की करारी हार हुई है। जगमीत सिंह अपनी सीट भी नहीं बचा पाया और पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा भी खो दिया। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

कनाडा की जनता ने जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानी यार जगमीत सिंह को उसकी औकात दिखा दी है। कनाडा में जगमीत सिंह को करारा झटका लगा है। कनाडा चुनाव में जगमीत सिंह की पार्टी एनडीपी यानी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी की करारी हार हुई है। जगमीत सिंह तो अपनी सीट भी बचाने में नाकामयाब रहा। कनाडा में हुए चुनाव में एनडीपी का बुरा प्रदर्शन दिखा। यहां एनडीपी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी छिन गया। नेशनल स्टेटस के लिए 12 सीटों की जरूरत थी, मगर एनडीपी 12 सीटें भी नहीं जीत पाई। एनडीपी को केवल 7 सीटों पर जीत मिली है।

कौन है जगमीत सिंह?

सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जगमीत सिंह की गिनती कनाडा के बड़े राजनेताओं में होती है। जगमीत सिंह हाउस ऑफ कॉमन्स में 2019 से बर्नबी सेंट्रल सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वे इस सीट पर पहले से तीसरे स्थान पर आ गए। राजनीति में आने से पहले जगमीत वकालत करते थे। इसी दौरान वे खालिस्तान मूवमेंट को लेकर सक्रिय रहे। जगमीत पर खालिस्तान समर्थकों को कानूनी सहायता मुहैया कराने का आरोप है। भारत ने जगमीत को बैन कर रखा है। जगमीत कनाडा में अपने सिख राजनीति को चमकाने के लिए खालिस्तान मूवमेंट का सहारा लिया।

जगमीत सिंह ही वो नेता हैं, जिनकी वजह से पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ संबंध खराब कर लिए थे। ट्रूडो द्वारा सितंबर 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप के बाद से नई दिल्ली और ओटावा के बीच तनाव बढ़ गया था। निज्जर को कनाडा में एक सिख मंदिर के बाहर गोली मार दी गई थी।

जस्टिन ट्रूडो को भी मिली हार

जगमीत सिंह के साथ ही पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो को भी करारी हार मिली है। साथ ही लिबरल पार्टी सत्ता में आने का मौका मिला है। पिछले चुनाव में एनडीपी को 24 सीटें मिली थीं। इसके समर्थन से ही जस्टिन ट्रूडो ने काफी समय तक अपनी सरकार चलाई। अपनी सरकार चलाने के लिए ट्रूडो जगमीत का समर्थन लेते रहे थे।

ट्रूडो की पार्टी की सत्ता में वापसी

भले ही जस्टिन ट्रूडो हार गए हैं, लेकिन उनकी लिबरल पार्टी फिर से सत्ता में वापस आ रही है। लिबरल पार्टी 166 सीटों पर जीतती नजर आ रही है। कनाडा में सरकार बनाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है। लिबरल को पिछली बार से 9 सीटें ज्यादा मिलती दिख रही है।

हालांकि, इस बार ट्रूडो की जगह मार्क कार्नी कनाडा के प्रधानमंत्री बनेंगे। दरअसल, लिबरल पार्टी के इंटरनल सिस्टम में ट्रूडो की जगह कार्नी को प्रधानमंत्री घोषित किया है।

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