झारखंड में केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना 5 मई से ठप पड़ चुकी है, जिससे हजारों गरीब मरीज विशेष रूप से डायलिसिस और किडनी रोग से जूझ रहे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हजारीबाग सहित राज्य के कई जिलों में इस योजना से जुड़े करीब 20 निजी अस्पतालों ने सेवाएं बंद कर दी हैं। एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स इंडिया के झारखंड जॉइंट सेक्रेटरी हर्ष अजमेरा ने बताया कि सबसे ज़्यादा नुकसान गरीब तबके को हो रहा है, जिनके पास इलाज का कोई और विकल्प नहीं है।
इस गंभीर स्थिति के लिए हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों को लम्बे समय से भुगतान नहीं किया गया, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने ‘मैय्या सम्मान योजना’ के लिए फंड आवंटित करते हुए आयुष्मान भारत योजना की राशि रोक दी है।
सांसद जायसवाल ने यह भी कहा कि कुछ अस्पतालों में अनियमितताओं के चलते भुगतान रोका गया, लेकिन सभी अस्पतालों को एक ही तराजू से तौलना उचित नहीं है। उन्होंने वादा किया कि इस योजना को पुनः शुरू कराने के लिए वे राज्य सरकार से जल्द मुलाकात करेंगे।
समाजसेवी बटेश्वर मेहता ने भी इस पर चिंता जताते हुए कहा कि योजना का बंद होना गरीबों के लिए संकट बन गया है, खासकर उन मरीजों के लिए जिन्हें नियमित डायलिसिस की आवश्यकता होती है।